शिमला, 10 मार्च। हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के आखिरी कार्यकाल के दौरान खुले 19 डिग्री कॉलेजों को डिनोटिफाई कर दिया है। शिक्षा सचिव ने शुक्रवार को इस सम्बंध में अधिसूचना जारी की है।
राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया है। दरअसल इन डिग्री कॉलेजों में छात्रों की संख्या निर्धारित मापदंड से कम या जीरो है। इस वजह से इन पर ताला जड़ने का फैसला लिया गया है। इनमें तैनात स्टाफ दूसरे कालेजों में भेजा जाएगा। डिनोटिफाइ किए गए कालेज पूर्व जयराम सरकार ने चुनाव से कुछ महीने पहले खोले थे। अहम बात यह है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विधानसभा क्षेत्र नादौन में खुला एक कॉलेज भी डिनोटिफाई हुआ है। वहीं दो संस्कृत कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं।
अधिसूचना के मुताबिक कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 04 कॉलेज बंद किए गए हैं। इसके अलावा मंडी व सोलन में 03-03, हमीरपुर, बिलासपुर व शिमला में 02-02, चम्बा, कुल्लू व सिरमौर में 01-01 कॉलेज शिमला हैं।
बंद किये गए कॉलेजों में बिलासपुर के स्वारघाट औऱ बल्हसीना, चम्बा के मसरूंड, हमीरपुर के गलोड़ और लंबलू, कांगड़ा के ब्रांडा, कोटला, रीरकमार, चढियार, मंडी के पांगणा, पंडोह और बागा-चणोगी, शिमला के जलोग औऱ सिंहगला संस्क्रत कॉलेज, सिरमौर के सतोन, सोलन के ममिलीघ, चंडी और ब्रूना और कुल्लू का जगत सुख संस्कृत कॉलेज शामिल हैं।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर के स्वारघाट और बल्हसीना कॉलेज में 20-20 छात्र पंजीकृत थे। जबकि चंबा के मसरूंड कॉलेज में 28 छात्र, हमीरपुर के गलोड़ कॉलेज में 10 छात्र व लंबलू में जीरो (0), कांगड़ा के ब्रांडा कालेज में 6, कोटला में 1 छात्र, रिरकमर में 61 और चड़ियार में 12 छात्र पंजीकृत थे।