शिमला। हिमाचल में प्री-प्राइमरी कक्षाओं की सामग्री तैयार करने के लिए चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कृषि सहकारी कर्मचारी प्रशिक्षण संस्थान सांगटी, शिमला में किया गया। स्टार प्रोजेक्ट के अंतर्गत समग्र शिक्षा द्वारा प्री-प्राइमरी कक्षाओं की सामग्री समीक्षा व विकास के लिए आयोजित की जाने वाली विभिन्न कार्यशालाओं के तहत यह पहली चार दिवसीय ( 28 अगस्त से 31 अगस्त तक) कार्यशाला थी। यह कार्यशाला बाल वाटिका 1 बाल वाटिका 2 एवं बाल वाटिका 3 के लिए आवश्यक शिक्षण-सह अधिगम सामग्री ( teaching-learning materials) का पुनरीक्षण ( Revision) और सृजन (creation) के उद्देश्य से समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित की गई। इस कार्यशाला का समन्वयन राज्य समन्वयक प्री-प्राइमरी समग्र शिक्षा दिलीप वर्मा ने किया। स्टार प्रोजेक्ट के अंतर्गत आयोजित इस कार्यशाला में राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद सोलन की सहायक प्राचार्य रंजना कुमारी बतौर मुख्य स्त्रोत व्यक्ति शामिल हुईं। इसमें प्रदेश के 8 जिलों के प्री प्राइमरी समन्वयक एव प्रथम संस्था की राष्ट्रीय प्रतिनिधि समयुक्ता सुब्रमनियन, अर्चना सिंह, आयुषी सिंह, अनीता बिष्ट, राज्य प्रतिनिधि जोगिंद्र लाल, कुलदीप पुंडीर, केवल कृष्ण, जागृति शर्मा व प्रथम के ज़िला स्तर के सदस्यों और 8 ज़िला समन्वयकों सहित 45 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस कार्यशाला में प्री प्राइमरी गतिविधि पुस्तिका एवं शिक्षण सामग्री की समीक्षा की गयी एवं इसमें प्री प्राइमरी गतिविधि पुस्तिका पर प्रमुखता से कार्य किया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा-2022 में उल्लेखित विकास के क्षेत्रों, दक्षताओं एवं उद्देश्यों एवं पूर्व-प्राथमिक पाठ्यचर्या-2023 हिमाचल प्रदेश के आधार पर सामग्री तैयार की गई। इसके साथ-साथ विभिन्न राज्यों के प्री प्राइमरी/आंगनवाड़ी गतिविधि कैलेंडर का भी संदर्भ लिया गया।
इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को चार समूहों मे विभाजित किया गया और प्रत्येक समूह को बालवाटिका 1 बालवाटिका 2 एवं बालवाटिका 3 के लिए माहवार गतिविधियों की योजना बनाने का कार्य सौंपा गया। ये गतिविधियां उन अवधारणाओं पर आधारित होगी, जिन्हें प्री प्राइमरी कक्षाओं में शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाना है। सभी समूहों ने अपने अपने कार्यों को कार्यशाला के दौरान अंतिम रूप दिया और उन्हें राज्य समन्वयक प्री-प्राइमरी समग्र शिक्षा दिलीप वर्मा द्वारा इस शृंखला की अलगी कार्यशाला तक वार्षिक गतिविधि कार्ययोजना आगे बढ़ाने के निर्देश दिये गए। सभी प्रतिभागियों ने कार्यशाला के दौरान अपने अनुभव साझा किए और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 6,297 प्राथमिक स्कूलों में प्री- प्राइमरी कक्षाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। इनमें नौनिहालों के सर्वांगीण विकास पर बल दिया जा रहा है।