समग्र शिक्षा ने डॉ. वाईएस परमार विश्वविद्यालय के साथ किया करार
कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के वोकेशनल छात्रों के लिए विश्वविद्यालय में स्थापित होगा स्टेट-ऑफ-द-आर्ट इनक्यूबेशन सेंटर
शिमला। हिमाचल प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के उद्देश्य से, समग्र शिक्षा हिमाचल ने डॉ. यएस परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी सोलन के साथ एक ऐतिहासिक करार (एमओयू) किया है। इस पहल के तहत, विश्वविद्यालय कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले स्कूली छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा। यह एमओयू गुरुवार देर शाम को समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा और नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल के बीच हस्ताक्षरित किया गया। इस साझेदारी से छात्रों को अनुभवात्मक शिक्षा का बेहतर अवसर मिलेगा, जिससे वे कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में लागू की जा रही आधुनिक तकनीकों से सीधे जुड़ सकेंगे।
छात्रों में व्यावहारिक कौशल विकसित करने में अहम भूमिका निभाएगी यह पहलः राजेश शर्मा
इस अवसर पर समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि डॉ. वाईएस परमार विश्वविद्यालय के साथ यह सहयोग एक ऐतिहासिक पहल है, जो हिमाचल प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा को बदल देगा। हम सभी छात्रों को सशक्त बनाने और कृषि को एक संभावित करियर विकल्प के रूप में प्रदर्शित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजेश शर्मा ने कहा कि यह परियोजना विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित STARS परियोजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के बीच समन्वय स्थापित करने, शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार और व्यावसायिक कौशल को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि इस पहल से छात्रों में व्यावहारिक कौशल विकसित होंगे, जो कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उनके करियर को नई दिशा देंगे। इस करार के तहत छात्रों को नई तकनीकों के उपयोग को समझने और सीखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, “व्यावसायिक शिक्षा हमारे छात्रों की क्षमता को उजागर करने और उन्हें आधुनिक कार्यबल की जरूरतों से जोड़ने की कुंजी है। यह पहल न केवल उनके कौशल को बढ़ाएगी, बल्कि कृषि में करियर बनाने के प्रति आत्मविश्वास और गर्व भी पैदा करेगी।”
यह साझेदारी विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषयः प्रो. चंदेल
डॉ. वाईएस परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय नौणीके कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि यह सहयोग कृषि को एक सम्मानजनक और सक्षम करियर विकल्प के रूप में बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “हमारे समाज में जहां कृषि को अक्सर इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे पेशों की तुलना में निम्न समझा जाता है, इस मानसिकता के कारण कृषि पृष्ठभूमि वाले युवा कृषि से दूर होते जा रहे हैं, जबकि इंजीनियरिंग और अन्य क्षेत्रों के छात्र उत्साहपूर्वक इस खाली जगह को भरने के लिए आगे आ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि कृषि में अपार अवसर मौजूद हैं, जिन्हें अक्सर व्हाइट कॉलर जॉब्स के पक्ष में अनदेखा कर दिया जाता है, जबकि ये नौकरियां कई बार कम वेतन वाली होती हैं और उनके गृह क्षेत्रों से काफी दूर होती हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को कृषि उद्यमिता के संभावनाओं के बारे में शिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है और यह पहल इस मानसिकता को बदलने में सहायक होगी।
स्टेट-ऑफ-द-आर्ट इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना
इस परियोजना के तहत, समग्र शिक्षा, नौणी विश्वविद्यालय को लगभग 2.8 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करेगा। इस राशि से विश्वविद्यालय में 1800-2400 वर्ग फुट क्षेत्र में एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा।
इस सेंटर में आधुनिक कृषि और बागवानी उपकरण, प्रयोगशालाएं और स्मार्ट क्लासरूम जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। स्कूली छात्रों को इंटर्नशिप कार्यक्रम के तहत यहां प्रशिक्षण दिया जाएगा। विश्वविद्यालय स्थानीय कृषि व्यवसायों, गैर-सरकारी संगठनों और किसान उत्पादक संगठनों के साथ मिलकर छात्रों को कृषि क्षेत्र में अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करेगा।
कृषि आधारित व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को प्रशिक्षण मिलेगा
नौणी विश्वविद्यालय इस सेंटर में हिमाचल प्रदेश के 9वीं से 12वीं कक्षा में कृषि आधारित व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 5000 छात्रों को प्रशिक्षण देना शुरू करेगा। इसके अलावा, छात्रों को वर्चुअल प्रशिक्षण और विभिन्न जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों में फील्ड विजिट भी कराई जाएगी। यह साझेदारी हिमाचल प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने और इस क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होने की दिशा में कदम बढ़ाएगी।