शिक्षा मंत्री ने दी शुभकामनाएं, छात्रों से अनुभव साझा करने और रिपोर्ट तैयार करने का आग्रह
शिमला। कंबोडिया और सिंगापुर की अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक यात्रा से आज हिमाचल प्रदेश के 50 मेधावी छात्र लौट आए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 7 फरवरी को इन छात्रों को इस विशेष अध्ययन यात्रा पर रवाना किया था। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर स्वयं इस दल के साथ गए थे। सोमवार को ये छात्र अपनी ज्ञानवर्धक यात्रा पूरी कर चंडीगढ़ पहुंचे, जहां शिक्षा मंत्री ने इन होनहार बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली।
इस शैक्षणिक दौरे में पूर्व सीपीएस आशीष बुटेल, समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, संयुक्त शिक्षा सचिव सुनील वर्मा, अतिरिक्त सचिव निशांत ठाकुर, अतिरिक्त उच्च शिक्षा निदेशक संजीव सूद और हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के सचिव मेजर विशाल शर्मा शामिल थे।
*शिक्षा मंत्री ने छात्रों से शैक्षणिक दौरे पर रिपोर्ट देने का किया आग्रह*
अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने इस अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक दौरे के अनुभवों को एक विस्तृत रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि यह पहल छात्रों को उनकी सीखने की प्रक्रिया पर विचार करने और उनके अनुभवों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट के माध्यम से छात्रों को विभिन्न देशों की शिक्षा प्रणालियों और वहां की चुनौतियों को समझने में मदद मिलेगी। यह अभ्यास न केवल उनकी आलोचनात्मक सोच और लेखन कौशल को निखारेगा, बल्कि भविष्य में होने वाली अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक यात्राओं के लिए भी उपयोगी सुझाव प्रदान करेगा।
*कंबोडिया की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से परिचय*
इस यात्रा के दौरान छात्रों को कंबोडिया की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का अवलोकन करने का अवसर मिला। उन्होंने अंगकोर वाट, रॉयल पैलेस और अंगकोर थॉम जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों का दौरा किया और वहां की समृद्ध विरासत के बारे में गहराई से जानकारी प्राप्त की। कंबोडिया ने भी अपनी शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ” कंबोडिया सेकेंडरी एजुकेशन इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट” जैसे कई अहम कदम उठाए हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत और कंबोडिया के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान संबंधी समझौते के तहत भारत अंगकोर वाट मंदिर के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
*सिंगापुर की आधुनिक शिक्षा प्रणाली से परिचय*
सिंगापुर ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और इस यात्रा के दौरान हिमाचल प्रदेश के छात्रों को वहां की उन्नत शिक्षा प्रणाली को समझने का मौका मिला। छात्रों ने सिंगापुर साइंस सेंटर और ओमनी थिएटर का दौरा किया, जहां उन्होंने आधुनिक विज्ञान, नवाचार और तकनीकी विकास के बारे में जानकारी हासिल की। इसके अलावा, छात्रों ने यूनिवर्सल स्टूडियो, टाइम कैप्सूल, सिंगापुर फ्लायर, गार्डन्स बाय द बे और सिंगापुर नाइट सफारी का भी दौरा किया, जिससे उन्हें सिंगापुर के सांस्कृतिक और तकनीकी पहलुओं को जानने का अवसर मिला।
*छात्रों में उत्साह, प्रदेश सरकार को दिया धन्यवाद*
इस दौरे से लौटे छात्र बेहद उत्साहित थे और उन्होंने इस अद्भुत अनुभव के लिए प्रदेश सरकार का आभार प्रकट किया। छात्रों ने कहा कि यह यात्रा उनके लिए सीखने और नए दृष्टिकोण विकसित करने का एक सुनहरा अवसर थी। उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान प्राप्त ज्ञान और अनुभव को अपने आगे के शैक्षिक सफर में लागू करने की इच्छा जताई।
कंबोडिया और सिंगापुर का यह शैक्षिक दौरा न केवल छात्रों के लिए एक अनमोल अनुभव था, बल्कि हिमाचल प्रदेश की शिक्षा नीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण प्रेरणा साबित होगा। शिक्षा मंत्री द्वारा छात्रों से उनके अनुभवों पर रिपोर्ट तैयार करने की पहल न केवल उनके व्यक्तिगत विकास में सहायक होगी, बल्कि भविष्य में होने वाले ऐसे शैक्षिक दौरों की गुणवत्ता को भी बढ़ाएगी।
प्रदेश सरकार का यह प्रयास छात्रों को वैश्विक स्तर पर शिक्षित और जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले वर्षों में हिमाचल प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को और मजबूत करेगा।