समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के साथ यूनेस्को के प्रतिनिधियों ने की बैठक

बैठक में यूनेस्को के साथ सहयोग को लेकर हुई विस्तृत चर्चा

यूनेस्को और समग्र शिक्षा पंच वर्षीय कार्य योजना करेगा तैयार

 

शिमला. हिमाचल प्रदेश सरकार स्कूली शिक्षा में व्यापक सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में प्रदेश सरकार अब यूनेस्को के सहयोग से शिक्षा प्रणाली को और सशक्त बनाने जा रही है। बीते दिन राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ बैठक के बाद आज यूनेस्को के प्रतिनिधियों ने समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के साथ समग्र शिक्षा निदेशालय में एक अहम बैठक की। इस बैठक में हिमाचल में शिक्षा के विभिन्न पहलुओं में सहयोग को लेकर विस्तृत चर्चा हुई और संभावित कार्ययोजना पर मंथन किया गया।

इस बैठक के दौरान समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा और यूनेस्को के प्रतिनिधियों के बीच यह सहमति बनी कि पहले चरण में हिमाचल में चुनिंदा स्कूलों पर काम किया जाएगा। इन स्कूलों को संपूर्ण स्कूल मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां शिक्षक प्रशिक्षण, पठन-पाठन की पद्धति , 21वीं शताब्दी कौशल, ग्रीन स्कूल तथा क्षमता निर्माण पर काम किया जाएगा। इसके लिए यूनेस्को और समग्र शिक्षा हिमाचल पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार करेगा। समग्र शिक्षा निदेशक ने कहा कि इस आरंभिक चर्चा में तय किया गया कि यूनेस्को इसको लेकर समग्र शिक्षा के साथ जल्द ही मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगा।यह साझेदारी दीर्घकालिक होगी और प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी।
यूनेस्को के साथ तैयार की जा रही विस्तृत योजना में शिक्षकों के लिए आधुनिक शिक्षण तकनीकों का प्रशिक्षण, छात्रों में नवाचार और रचनात्मकता विकसित करने के लिए 21वीं सदी के कौशल, खेल और सह-शैक्षणिक गतिविधियों को शिक्षा का अभिन्न अंग बनाना, ईको क्लब और यूथ क्लबों का सुदृढ़ीकरण जैसे कई बिंदु शामिल होंगे। यहां पर यह बताना उचित होगा कि हिमाचल सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पहली बार यूनेस्को के साथ साझेदारी करने जा रही है।

यूनेस्को के साथ दीर्घकालिक साझेदारी
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि हिमाचल सरकार शिक्षा में यूनेस्को के साथ दीर्घकालिक साझेदारी की दिशा में काम कर रही है। यूनेस्को प्रतिनिधियों ने इस दिशा में ठोस कार्ययोजना बनाने पर सहमति व्यक्त की। इस बैठक में यूनेस्को की साउथ एशिया पैसिफिक कार्यक्रम विशेषज्ञ एवं शिक्षा प्रमुख जॉयस पोआन व सदस्य श्रद्धा चिकरूर मौजूद रहीं. इनके अलावा आईपीई ग्लोबल के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट डॉ. शशीरंजन झा भी इस बैठक में मौजूद रहे। इस नई पहल से हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार होने की उम्मीद है, जिससे छात्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।

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