हिमाचल में एनसीसी के लिए 90:10 फंडिंग पैटर्न लागू करने की मांग
शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने केंद्र सरकार के समक्ष राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की फंडिंग को लेकर महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक अहम बैठक कर हिमाचल में एनसीसी के लिए फंडिंग प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाने की मांग रखी। शिक्षा मंत्री ने हिमाचल के लिए 90:10 के फंडिंग पैटर्न को लागू करने का आग्रह किया। इस दौरान समग्र शिक्षा हिमाचल के निदेशक राजेश शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
वर्तमान में एनसीसी की फंडिंग प्रणाली जटिल और कई स्तरों में विभाजित है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि एनसीसी फंडिंग का पैटर्न अलग-अलग अनुपातों में बंटा हुआ है—कुछ मामलों में 60:40, कुछ में 75:25, और कुछ में 50:50 के अनुपात में फंडिंग मिलती है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि कुछ मामलों में हिमाचल को पूरी तरह 100% खर्च वहन करना पड़ता है। आर्मी अटैचमेंट कैंप, एनसीसी कैडेट्स के परेड भत्ते, पोशाक रखरखाव भत्ता, केयरटेकर भत्ता और प्रशिक्षण शिविरों के लिए भोजन भत्ता जैसे कई मदों का खर्च राज्य सरकार को अकेले उठाना पड़ रहा है।
इसके अलावा, पूर्व-कमीशन/रिफ्रेशर प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों (ANOs) और प्रशिक्षुओं को केंद्र सरकार की ओर से कोई भत्ता नहीं मिलता, जबकि एनसीसी अधिकारियों (ANOs) के मानदेय का खर्च 50:50 अनुपात में साझा किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने इस जटिल फंडिंग प्रणाली पर कहा कि विभिन्न फंडिंग व्यवस्थाओं के कारण हिमाचल में एनसीसी कार्यक्रम को सुचारू रूप से लागू करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
हिमाचल के लिए 90:10 फंडिंग पैटर्न लागू करे केंद्र सरकार
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने केंद्रीय रक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि हिमाचल प्रदेश में एनसीसी फंडिंग को अन्य केंद्र प्रायोजित योजनाओं की तरह 90:10 अनुपात में किया जाए। उन्होंने कहा कि अन्य योजनाओं की तरह एनसीसी को भी विशेष दर्जा मिलना चाहिए ताकि राज्य सरकार पर वित्तीय भार कम हो और एनसीसी का विस्तार और प्रभाव बढ़े।
इसके समर्थन में एनसीसी मुख्यालय, दिल्ली द्वारा जारी पत्र का हवाला देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर हिमाचल के लिए एनसीसी फंडिंग 90:10 अनुपात में लागू की जाती है, तो इससे राज्य में एनसीसी कार्यक्रम को मजबूती मिलेगी और युवा कैडेट्स को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्री से इस मांग पर सकारात्मक विचार करने का आग्रह किया, ताकि हिमाचल में एनसीसी कार्यक्रम को और प्रभावी और सुचारू रूप से चलाया जा सके। उन्होंने विश्वास जताया कि इससे राज्य के युवाओं के व्यक्तित्व विकास और अनुशासन को भी बढ़ावा मिलेगा।