शिमला, 30 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें संस्करण का रविवार को हिमाचल राजभवन में विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया। इस का आयोजन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और प्रसार भारती के माध्यम से किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि यह एक ऐसा सामाजिक संवाद का कार्यक्रम है, जिसका मूल उद्देश्य एक ऐसी सामाजिक संपदा का निर्माण करना, जिसमें भारतीय समाज में अग्रगामी परिवर्तन आ सके। इसके माध्यम से समाज में अच्छे सामाजिक कार्य करने वालों को सामाजिक नायक के रूप में उभारना है ताकि वे एक आदर्श में परिवर्तित होकर अन्य लोगों में अच्छा कार्य करने की प्रेरणा जगा सके। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ में ऐसे विषय होते हैं जो सीधे जन सरोकारों से जुड़े हैं।
‘मन की बात’ कार्यक्रम में राज्य से संबंधित जिन व्यक्तियों का प्रधानमंत्री ने जिक्र किया था, राज्यपाल ने उनकी प्रतिभा का इस मौके पर जिक्र किया तथा कहा कि उनका जहां देशवासियों के लिए प्रेरणा बनी है वहीं प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है। इनमें सोलन स्थित मानव भारती संस्था और उससे जुड़े उर्मिला बाल्दी, संजना और विपुल गोयल, चंबा के भटियात विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले शिक्षक आशीष बहल, ऊना जिला के भटोली गांव से संबंध रखने वाले प्राथमिक शिक्षक राम कुमार जोशी, हमीरपुर के जगदीश चंद इत्यादि प्रेरणादायक व्यक्तियों का जिक्र किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर, नशामुक्ति, प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान, प्राकृतिक कृषि तथा मोटे अनाज की पैदावार पर लोगों से अपना योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये विषय जन सरोकार से जुड़े हैं जिनमें हर व्यक्ति को सहयोग करने की आवश्यकता है।
इस मौके पर, ‘विचार विमर्श सत्र’ का भी आयोजन किया गया, जिसमें डी.के. चौधरी, उप-पुलिस महानिरीक्षक तथा इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज से नशा निवारण विशेषज्ञ डॉ. निधि ने नशे पर अपनी प्रस्तुति दी। डॉ. गोपाल बेरी, निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं ने क्षय रोग उन्मूलन पर, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रघुबीर सिंह ने मिलट पर तथा महेंद्र भवानी, उप-निदेशक, कृषि ने प्राकृतिक कृषि पर अपनी प्रस्तुति दी। इस मौके पर, पद्मश्री नेक राम शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।