शिमला नगर निगम चुनाव : शिमला शहरी कांग्रेस अध्यक्ष हारे, बेनमोर वार्ड में भाजपा को मंहगा पड़ा टिकट बदलना

शिमला, 04 मई। नगर निगम शिमला के चुनाव में कांग्रेस की धमाकेदार जीत के बावजूद वार्ड नम्बर-1 भराड़ी वार्ड से शिमला शहरी कांग्रेस के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी को भी हार मिली है। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई मीना चौहान ने उन्हें 382 मतों के विशाल अंतर से हराया। यह पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आंनद शर्मा का गृह वार्ड है। हार के बाद जितेंद्र चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वीआईपी वार्ड बेनमोर से टिकट बदलना भाजपा को मंहगा पड़ गया। यहां भाजपा ने अपने पार्षद किमी सूद का टिकट काटकर अनूप बैध को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वो भाजपा को जीत नहीं दिला पाए। इस वार्ड से कांग्रेस ने मेयर रहे नरेंद्र कटारिया की पुत्री शीनम कटारिया को चुनाव मैदान में उतारा। शीनम कटारिया ने भाजपा के अनूप बैध को 84 मतों से हराया।

नाभा में कांग्रेस ने फिर अपना वर्चस्व कायम रखा है। यहां कांग्रेस की सिमी नन्दा ने भाजपा की हिमा देवी को 147 मतों से पराजित किया। टूटीकंडी वार्ड से कांग्रेस की उमा ने भाजपा की रितु गौतम को 521 मतों के बड़े अंतर से मात दी। कच्ची घाटी से कांग्रेस की किरण शर्मा विजयी रही। किरण शर्मा ने भाजपा की अलका कंवर को 72 मतों से पराजित किया।

टूटू सीट कांग्रेस की झोली में गई, जहां से कांग्रेस की मोनिका भारद्वाज ने भाजपा की मीनाक्षी गोयल को 161 मतों से हराया। माकपा ने अपने गढ़ समरहिल में फिर शानदार जीत हासिल की है। यहां माकपा के वीरेंद्र ठाकुर ने कांग्रेस के जगदीश ठाकुर को 78 मतों से हराया। माकपा की पूर्व पार्षद व भाजपा उम्मीदवार शेली शर्मा तीसरे स्थान पर रही। अनाडेल से कांग्रेस की उर्मिला कश्यप ने भाजपा की सपना कश्यप को 165 मतों से पराजित किया। कैथू वार्ड से कांग्रेस की कांता स्याल ने भाजपा की कमलजीत को 362 मतों से हराया। मज्यात वार्ड से कांग्रेस को धमाकेदार जीत मिली है। इस वार्ड से कांग्रेस की अनिता शर्मा ने भाजपा की निर्मला चौहान को 657 मतों से हराया। राम बाजार से कांग्रेस की सुषमा कुठियाला ने जीत की हैट्रिक लगाई। उन्होंने भाजपा की सुनन्दा करोल को मात्र 34 मतों से हराया।

अप्पर ढली में भाजपा के कमलेश विजयी रहे। इन्होंने कांग्रेस के नरेंद्र चौहान को 70 मतों से हराया। कर्षणा नगर वार्ड से भाजपा के बिट्टू कुमार ने कांग्रेस के विपिन सिंह को 23 मतों से मात दी। यहां से कांग्रेस के पूर्व मेयर सोहन लाल तीसरे स्थान पर रहे। रुलदुभटा में कांटे के मुकाबले में भाजपा की सरोज ठाकुर ने कांग्रेस की सत्या वर्मा को महज 18 मतों से शिकस्त दी। फागली वार्ड में भाजपा ने जीत हासिल की है। यहां से भाजपा के कल्याण चंद धीमान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के रूप चंद को 113 मतों से हराया। भट्टाकुफर वार्ड से कांग्रेस के नरिंदर ठाकुर ने भाजपा के सुशांत चौहान को 342 मतों से मात दी।

शांति बिहार वार्ड से कांग्रेस को सबसे बडी जीत, खलीनी वार्ड में मात्र 08 वोटों से मिली जीत

शांति बिहार वार्ड पर कांग्रेस ने इस चुनाव की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। यहां से कांग्रेस ने विनीत शर्मा को चुनाव में उतारा था। उन्होंने भाजपा के देवेंद्र शर्मा को 705 मतों से हराया। विनीत शर्मा को 1118 मत पड़े, जबकि देवेंद्र शर्मा 415 मत ही ले पाए। विकासनगर से कांग्रेस की रचना भारद्वाज 816 मतों से विजयी रही। खलीनी वार्ड में बेहद रोमांचक मुकाबले में कांग्रेस के चमन प्रकाश ने मात्र 08 वोटों से जीत दर्ज की। उन्होंने भाजपा के पूर्णमल को हराया।

कनलोग से कांग्रेस के आलोक पठानिया ने भाजपा के ब्रज सूद को 434 मतों से परास्त किया। न्यू शिमला की सीट भाजपा की झोली में गई। यहां से भाजपा की निशा ठाकुर 58 मतों से जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस की कुसुम लता ठाकुर को परास्त किया। पतयोग वार्ड से भाजपा की आशा शर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस के दीपक रोहाल को 77 मतों से मात दी। कंगनाधार से कांग्रेस के राम रत्न वर्मा ने भाजपा की रेणु चौहान को 58 मतों से हराया।

बालूगंज वार्ड से कांग्रेस के दलीप थापा ने भाजपा की किरण बाबा को 253 मतों से हराया। सांगति वार्ड से कांग्रेस के कुलदीप ठाकुर 299 मतों से विजयी हुए। इस वार्ड पर भाजपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे। पंथाघाटी से भाजपा की कुसुम ठाकुर 371 मतों से विजयी हुईं। मल्याणा वार्ड से कांग्रेस की शांति वर्मा ने भाजपा की अंबिका ठाकुर को 39 मतों से हराया। कसुम्पटी से भाजपा की रचना झीना शर्मा ने 279 मतों से जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस की लक्ष्मी चौहान को हराया।

बता दें कि शहर के 34 वार्डों में कुल 102 उम्मीदवार मैदान में थे। कांग्रेस को 24 सीटों पर मिली है। भाजपा को नौ और माकपा की झोली में एक सीट गई है नगर निगम में 2 मई को करीब 59 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार चुनाव पार्टी च‍िंह पर होने से सियासी दलों के वरिष्ठ नेताओं की साख दांव पर थी। कांग्रेस व भाजपा ने इस चुनाव में सत्ता पर काब‍िज होने के ल‍िए पूरी ताकत झोंक दी थी।

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