शिमला, 11 मई। आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ राहुल राव ने अपने जन्मदिवस पर अंगदान की शपथ लेकर लोगों को जागरुक किया है।
उन्होंने शुक्रवार को कहा कि अंगदान के लिए कोई भी व्यक्ति सोटो हिमाचल की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है। लोग मृत्यु के बाद भी अपने अंगदान करके जरूरतमंद का जीवन बचा सकते हैं। अंगदान करने वाला व्यक्ति ऑर्गन के जरिए 8 लोगों का जीवन बचा सकता है।
उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की ब्रेन डेथ की पुष्टि होने के बाद, डॉक्टर उसके घरवालों की इच्छा से शरीर से अंग निकाल पाते हैं। इससे पहले सभी कानूनी प्रकियाएं पूरी की जाती हैं। इस प्रक्रिया को एक निश्चित समय के भीतर पूरा करना होता है। ज्यादा समय होने पर अंग खराब होने शुरू हो जाते हैं। देश में प्रतिदिन प्रत्येक 17 मिनट में एक मरीज ट्रांसप्लांट का इंतजार करते हुए जिंदगी से हाथ धो बैठता है।
डॉ राहुल राव ने कहा कि एक व्यक्ति जिसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष को स्वैच्छिक रूप से अपने करीबी रिश्तेदारों को देश के कानून व नियमों के दायरे में रहकर अंगदान कर सकता है। अंगदान एक महान कार्य है जो हमें मृत्यु के बाद कई जिंदगियां बचाने का अवसर देता है। अंगदान के संबंधित सही जानकारी व भ्रम होने की वजह से अधिकतर लोग अंगदान करने से पीछे हट जाते हैं। इसीलिए अगर लोगों में पहले से अंगदान को लेकर पर्याप्त जानकारी होगी तभी ऐसे मौके जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।