चेन्नई, 27 मई। पहले कर्नाटक और अब तमिलनाडु में ‘दूध’ पर घमासान मच गया है। तमिलनाडु में अमूल दूध की एंट्री पर स्थानीय ब्रांड आविन ने आपत्ति जताई है, जिसपर अब विवाद गहरा गया है।
तमिलनाडु में अमूल और आविन के बीच ‘मिल्क वार’ इतना बढ़ गया है कि इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री शाह से कहा है कि अमूल तमिलनाडु की को-ऑपरेटिव कंपनी आविन को नुकसान पहुंच रहा है।
क्या है अमूल और आविन के बीच विवाद?
मुख्यमंत्री स्टालिन ने अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है कि दक्षिणी राज्यों में अमूल दूध की खरीद पर रोक लगाए। उन्होंने कहा कि अमूल, आविन से ही दूध खरीद कर राज्य में बेच रहा है, जिससे आविन को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के साथ अच्छा नहीं हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमूल ने कृष्णागिरी जिले में अपना संयंत्र स्थापित किया है। अमूल ने कृष्णागिरी, धर्मपुरी, वेल्लोर, रानीपेट, तिरुपथुर, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिलों में और एफपीओ और एसएचजी से दूध खरीदने की योजना बनाई है।
बता दें कि तमिलनाडु में अमूल की एंट्री से आविन की बिक्री पर फर्क पड़ेगा। सबसे बड़ी बात कि अमूल के आ जाने से प्रतिस्पर्धा में भी वृद्धि होगी, जो आविन के लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है। इसी वजह से तमिलनाडु में अमूल की एंट्री पर मिल्क वार शुरू हो गई है
किसके पास है आविन का मलिकाना हक?
अविन एक राज्य सरकारी कोऑपरेटिव सोसायटी है, जिसकी संपत्ति तमिलनाडु कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड के पास है। आविन कंपनी कई प्रकार के दूध उत्पादन सामग्री बनाती है। इसमें दूध, मक्खन, दही, आइसक्रीम, घी, मिल्कशेक, खोआ, चाय, कॉफी और चॉकलेट जैसे उत्पाद शामिल हैं।
आविन कोऑपरेटिव के तहत तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में 9,673 कोऑपरेटिव सोसायटीज कार्यरत हैं। यह सभी 4.5 लाख दूध उत्पादकों से रोजाना 35 लाख लीटर दूध खरीदती है।
देश के बड़े ब्रांडों में शुमार है अमूल
अमूल वर्तमान में देश के सबसे बड़े डेयरी ब्रांडों में से एक है। इसे 1946 में गुजरात के आणंद में स्थापित किया गया था। इसका प्रबंधन गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड करता है। गुजरात के 18,600 गांवों के लगभग 36 लाख दूध उत्पादक अमूल के साथ काम करते हैं। अमूल रोजाना 270 लाख लीटर दूध खरीदती है।
क्या था अमूल और नंदिनी के बीच का विवाद?
कुछ दिनों पहले कर्नाटक में स्थानीय नंदिनी ब्रांड और अमूल के बीच विवाद देखा गया था। उस वक्त भी कर्नाटक में अमूल की एंट्री पर नंदिनी दूध ने विरोध किया था। दिसंबर 2022 में अमित शाह के एक बयान के बाद, अमूल और नंदिनी के बीच विवाद शुरू हुआ। उन्होंने मंड्या में एक रैली में कहा कि अमूल और नंदिनी जैसी कोऑपरेटिव मॉडल बेस्ड डेयरी कंपनियों को मिलकर काम करना चाहिए।
इसके बाद, यह मुद्दा राजनीतिक रंग लेने लगा। अमूल ने बाद में ट्वीट किया कि वे बेंगलुरु में ऑनलाइन डिलीवरी शुरू करने जा रहे हैं। यह कदम विवाद को और बढ़ा दिया। इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के ब्रांड नंदिनी के क्षेत्र में घुसपैठ के रूप में देखा गया।