शिमला. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की पांचवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में समग्र शिक्षा के अंतर्गत आज विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CWSN) के लिए सहायक उपकरण वितरण तथा पहचान हेतु विशेष शिविरों का आयोजन किया गया। ये शिवर
हिमाचल के तीन जिलों, शिमला , बिलासपुर और ऊना के पांच शिक्षा खंडों में आयोजित किए गए।
शिमला जिला में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला में शिक्षा खंड शिमला-3 के अंतर्गत एक पहचान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें कक्षा पहली से बारहवीं तक के 32 विद्यार्थियों ने अपने अभिभावकों सहित भाग लिया। कुछ विद्यार्थी अपने शिक्षकों के साथ भी शिविर में पहुंचे। इस अवसर पर डॉ. सिद्धार्थ (नेत्र एवं ईएनटी विशेषज्ञ) तथा फिजियोथैरेपी विशेषज्ञ डॉ. पारस नेगी और रशिका शर्मा ने उपस्थित विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और उनकी आवश्यकताओं का मूल्यांकन किया।
इसी क्रम में, जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) बिलासपुर की ओर से भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की वर्षगांठ के अवसर पर एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में झंडूता खंड से 11, घुमारवीं-I से 10 और घुमारवीं-II से 8 विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों ने अपने अभिभावकों सहित भाग लिया। शिविर के दौरान विद्यार्थियों को उनकी आवश्यकता अनुसार सहायक उपकरण प्रदान किए गए, जिनमें रोलेटर, व्हीलचेयर, मानसिक अक्षमता सहायक किट, एल्वो क्रैच, हियरिंग मशीन और विशेष जूते शामिल थे।
इस कार्यक्रम में संजय सामा और सोमदत्त कालिया (DIET बिलासपुर) की ओर से उपस्थित रहे। साथ ही बीआरसी कार्यालय के स्टाफ ने भी अपनी भागीदारी दर्ज करवाई और कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
इस प्रकार के प्रयास समावेशी शिक्षा के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जिससे प्रत्येक विद्यार्थी को समान अवसर प्राप्त हो सके और वे शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ सकें।