केंद्रीय स्कूली शिक्षा विभाग ने हिमाचल सहित अन्य राज्यों के कार्यों की समीक्षा की,राजेश शर्मा ने हिमाचल के शैक्षणिक परिदृश्य और नवाचारों से कराया अवगत

शिमला. केंद्र सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा नई दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एक इन-पर्सन समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य विभिन्न राज्यों में शिक्षा से संबंधित केंद्र प्रायोजित योजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन करना और उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्यों के अनुभवों व सुझावों को साझा करना था। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने की। बैठक में अतिरिक्त सचिव धीरज साहू और आनंदराव विष्णु पाटिल, संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी, प्राची पांडे और डॉ. अमरप्रीत दुग्गल और विभाग की आर्थिक सलाहकार ए. सृजा मुख्य रूप से उपस्थित रहीं। हिमाचल की ओर से समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा और स्कूली शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने विशेष रूप से बैठक में भाग लिया।

बैठक में समग्र शिक्षा, स्टार्स परियोजना और प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) जैसी प्रमुख योजनाओं की वित्तीय और भौतिक प्रगति की समीक्षा की गई। अतिरिक्त सचिव धीरज साहू ने सभी राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नए लक्ष्यों को रेखांकित किया और योजनाओं के परिणामोन्मुखी कार्यान्वयन पर बल दिया।

*राजेश शर्मा ने योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से अवगत कराया*
लंच सत्र के दौरान समग्र शिक्षा हिमाचल के निदेशक राजेश शर्मा ने केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार को हिमाचल के शैक्षणिक परिदृश्य से अवगत कराया। उन्होंने राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता, नवाचारों और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से जुड़ी उपलब्धियों को साझा किया। हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, समावेशी शिक्षा को प्रोत्साहित करने और नई शिक्षा नीति के अनुरूप शैक्षणिक नवाचारों को लागू करने के लिए किए गए प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी। राजेश शर्मा ने बताया कि हिमाचल में समग्र शिक्षा के अंतर्गत शिक्षकों की क्षमता निर्माण, डिजिटल शिक्षा के विस्तार और विद्यालयों में अधिगम वातावरण को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

राजेश शर्मा ने कहा कि राज्य में ULLAS कार्यक्रम के माध्यम से वयस्क साक्षरता को नई दिशा मिली है और इसके सकारात्मक परिणामस्वरूप हिमाचल को पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा प्राप्त करने का गौरव हासिल हुआ है। इसी तरह हिमाचल में पोषण योजना के क्रियान्वयन, पीएम-श्री योजना के तहत आधुनिक शिक्षण तकनीकों और सुविधाओं से युक्त मॉडल स्कूलों के विकास से भी अवगत कराया गया।

 

राजेश शर्मा ने बताया कि हिमाचल में ‘परख सर्वे’ के लिए एक व्यवस्थित रणनीति तैयार की गई है, जिससे छात्रों की अधिगम उपलब्धियों में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया । इसके परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हुआ है। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलाए जा रहे अभियानों की भी जानकारी दी।

हिमाचल में डिजिटल शिक्षा को लेकर किए गए नवाचारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम और ई-कंटेंट के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हुआ है। हिमाचल स्कूली बच्चों को कैरियर मार्गदर्शन भी प्रदान कर रहा है।

इस बैठक विद्यांजलि कार्यक्रम के तहत कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) मॉडल के समावेश पर भी चर्चा की गई। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान और सहयोग के लिए PRASHAST स्क्रीनिंग ऐप पर भी चर्चा की गई।

इस बैठक में ई-वेस्ट प्रबंधन, ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान और विशेष स्वच्छता अभियान जैसी पर्यावरणीय पहलों पर भी विचार-विमर्श हुआ।

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