शिमला, 06 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में गुरूवार को भी मानसून सक्रिय रहा। इस कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में जमकर बरसात हुई। व्यापक वर्षा से भूस्खलन की घटनाओं से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ। भूस्खलन से राज्य की 59 सड़कें बंद रहीं। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक ऐसी ही स्थिति बनी रहने का अनुमान जताया है। मैदानी एवं मध्यपर्वतीय इलाकों में 10 जुलाई तक गरज के साथ भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के सात जिलों चम्बा, कांगड़ा, शिमला, कूल्लु, मंडी, सोलन और सिरमौर में मूसलाधार बारिश की आशंका है।
बीते 24 घण्टों के दौरान जतोन बैरेज में सबसे ज्यादा 12 सेंटीमीटर वर्षा हुई। इसके अलावा चुआडी में नौ, नाहन, रेणुका व राजगढ़ में सात-सात, पच्छाद में पांच, ऊना, काहू व नादौन में चार-चार, कुमारसेन, कांगड़ा व कुफरी में तीन-तीन, सुजानपुर टिहरा, नगरोटा सुर्रियाँ, खदराला, अघार, डल्हौजी, वांगतू, धर्मशाला, पालमपुर, सराहन, भरमौर, झंडुता, भोरंज, कोटखाई, नारकंडा, मनाली और देहरा गोपीपुर में दो-दो सेंटीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार राज्य में भूस्खलन के कारण 59 सड़कें बंद रहीं। लोकनिर्माण विभाग के शिमला ज़ोन में 30, कांगड़ा ज़ोन में 15, हमीरपुर ज़ोन में नौ और कांगड़ा ज़ोन में पांच सड़कें अवरुद्ध हैं।
राज्य में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी। मानसून मानसून सीजन के दौरान वर्षा जनित हादसों में अब तक 41 लोगों की जान गई है वहीं 74 लोग जख्मी हुए हैं और चार लापता हैं। 353 मवेशियों की भी मौत हुई है। इसके अलावा 57 कच्चे-पक्के घरों को नुकसान पहुंचा, सात दुकानें और 28 पशुशालाएँ भी बारिश से ध्वस्त हो गईं। राज्य में मानसून से 319 करोड़ की चल व अचल संपति की क्षति हुई है। अब तक भूस्खलन की 12, बाढ़ की 11 और बादल फटने की एक घटना सामने आई है।