शिमला, 19 जुलाई। राजधानी शिमला के ऐतिहासिक मॉल रोड से सटे मिडिल बाजार में मंगलवार शाम को हुए धमाके ने शहरवासियों को दहला दिया है। धमाके से एक करोबारी की मौत हो गई जबकि 13 घायल हो गए। धमाके के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि धमाका गैस रिसाव की वजह से हुआ है। हालांकि पुलिस प्रशासन ने धमाके के मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। इस हादसे से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज भी जारी हुई है। सीसीटीवी में धमाके के दौरान लोग जान बचाकर भागते नजर आए हैं।
दरअसल जब धमाका हुआ उस वक्त हिमाचल रसोई ढाबे में मरम्मत कार्य चला हुआ था। हादसे के वक़्त अंदर छह लोग थे जो घायल हैं। जबकि बाहर से गुजर रहे करोबारी 63 वर्षीय अवनीश की धमाके के मलबे में आने से मौत हो गई। इस धमाके से आसपास की दुकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
एसपी शिमला संजीव गांधी ने बुधवार को बताया कि भीड़-भाड़ वाले इलाके में मौजूद हिमाचल रसोई नामक रेस्टोरेंट में इतनी लापरवाही कैसे बरती गई, इसकी जांच के लिए एसआईटी गठित की है। एएसपी हेडक्वार्टर व एसएचओ सदर समेत एक इंस्पेक्टर और फोरेंसिक विशेषज्ञ को एसआईटी में शामिल किया गया है। एसआईटी इस धमाके के असल कारणों को खंगालेगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचली रसोई नाम के रेस्तरां के छोटे किचन में गैस रिसाव हुआ, वहां ऑटो कट डीप फ्रिजर में चिंगारी होने से गैस ने आग पकड़ी और जोर का धमाका हुआ। पूरे शहर में लोगों की जान की सुरक्षा के लिए ढाबों, रेस्तरां में किस तरह के सुरक्षा इंतजाम और सावधानी होनी चाहिए, इसको लेकर भी पुलिस सुझाव देगी।
पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि उनके कार्यालय से उपायुक्त शिमला और नगर निगम को एक पत्र लिखकर पूरे भवन की स्ट्रक्चरल स्थिरता की जांच पूरी कर क्लीयरेंस देने और सील किए गए क्षेत्र के क्षतिग्रस्त हुए भवनों में बिजली, पानी की व्यवस्था किए जाने के बाद ही यहां कारोबार करने की अनुमति दिए जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में अब तक गैस रिसाव ही धमाके का कारण है
उन्होंने बताया कि इस घटना को लेकर सदर थाने में आईपीसी की धारा 336, 337, 304ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि हादसे में घायल आठ घायलों को अस्पताल से घर भेज दिया गया है, गम्भीर घायल पांच लोग उपचाराधीन हैं।