भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप एवं ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि सत्ता में आने के बाद अब कांगे्रस में मुख्यमंत्री पद के लिए घमासान शुरू हो गया है। उन्होनें कहा कि प्रतिभा सिंह व सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के गुट अपने-अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाह रहे हैं। उनके समर्थक एक दूसरे के विरूद्ध आक्रोशित हैं और अपने हाईकमान पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस में सिर फटाई की नौबत आ चुकी है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस का भूतकाल व वर्तमान काल देखे तो स्पष्ट पता चलता है कि कांग्रेस की संस्कृति हमेशा से ही गुंडागर्दी व अलोकतांत्रिक रही है। गुंडागर्दी की ऐसी ही स्थितियां वर्ष 1998 में भी देखने को मिली थी। यदि प्रदेश की जनता ने उन्हें जनमत दिया है तो उन्हें जनमत का सम्मान करते हुए प्रदेश को आगे ले जाने के बारे में कार्य करना चाहिए परन्तु वर्तमान परिस्थ्तिियों को देखकर लगता है कि कांग्रेसी नेताओं में प्रदेश की उन्नति के बजाए पद पाने की ज्यादा लालसा है और इसलिए कांग्रेस की गुटबाजी आज सड़कों पर साफ दिखाई दे रही है।
उन्होनें कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा निजी हितों को सर्वोपरि रखा है और प्रदेशहित व जनहित इनके लिए कोई मायने नहीं रखता। कांग्रेस पार्टी की सरकार का अगर आगाज ऐसा है तो अंजाम क्या होगा इसका अंदाजा वर्तमान स्थितियों को देखकर लगाया जा सकता है।
भाजपा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी शालीन व सभ्य संस्कृति के लिए जाना जाता है लेकिन आज जिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी के नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सारी मर्यादाओं को दरकिनार कर आपस में सड़कों पर लड़ रहे हैं उससे कांग्रेस पार्टी का चरित्र सबके सामने आ गया है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस पार्टी जनमत का अपमान कर रही है। उन्होनें आशंका जताई कि कांग्रेस पार्टी की आपसी फूट का खामियाजा कहीं हिमाचल प्रदेश की जनता को न भुगतना पड़े क्योंकि कांग्रेस के पास कोई भी सर्वमान्य नेता नहीं है। कांग्रेस में अपनी-अपनी डफली अपना-अपना राग की स्थिति है।