आपदा प्रभावित परिवारों को सस्ते ऋण के जरिये राहत देने की तैयारी में सुक्खू सरकार

शिमला, 28 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में मानसूनी आपदा ने भारी तबाही मचाई है। भूस्खलन और फ्लैश फ्लड सहित अन्य वर्षा जनित हादसों में 379 लोगों की जान गई है। इस दौरान 2457 मकान, 307 दुकानें और 5439 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हूईं। जबकि 10569 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है।

आपदा प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए सुक्खू सरकार सस्ते ऋण देने का विकल्प तलाश रही है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को सभी प्रशासनिक सचिवों की ‘मंडे मीटिंग’ की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में हाल ही में आई आपदा के दृष्टिगत सरकार प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत प्रदान करने के दृष्टिगत उनके लिए ऋण पुनःसंरचना के विकल्प पर विचार कर रही है। उन्होंने इस संबंध में एक व्यापक कार्य योजना की आवश्यकता पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में हाल ही में 3671 अनाथ बच्चों का नामांकन हुआ है और इन सभी को इस योजना के दायरे में शामिल किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रशासनिक सचिवों को लंबित परियोजनाओं के कार्य में तेज़ी लाने के निर्देश दिए ताकि इन इनका लाभ लोगों तक शीघ्र पहुंचाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने डिजिटल कार्य पद्धति के महत्व पर बल देते हुए अधिकारियों से कार्य निष्पादन में तेजी लाने के दृष्टिगत ई-फाइल प्रणाली का उपयोग करने को कहा।

सुक्खू ने विभिन्न विभागों के विश्राम गृहों की दरों में समानता लाने के निर्देश दिए और कहा कि विश्राम गृहों की बुकिंग भी ऑनलाइन की जाएगी ताकि इसमें भी पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने राज्य में वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण के साथ-साथ पौधों को बचाए रखने के लिए एक उन्नत प्रणाली विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केन्द्रित करना समय की मांग है और वन विभाग को इस दिशा में तत्परता से कार्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सड़कों के सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और प्रदेशवासियों को स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पेयजल परियोजनाओं में यूवी-तकनीक-आधारित फिल्टर प्रणाली के कार्यान्वयन का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से रोबोटिक सर्जरी शुरू की जा रही है और स्वास्थ्य विभाग को इस पर समयबद्ध कार्य करना चाहिए।

उन्होंने प्रस्तावित पर्यटन परियोजनाओं की भी समीक्षा की और उन्हें शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग अतिरिक्त सेब से सिरका और वाइन उत्पादन के लिए एक संयंत्र की स्थापना पर विचार करें। इसके अतिरिक्त टमाटर प्यूरी, पपीता पाउडर और आलू का पेस्ट जैसे उत्पाद तैयार करने की संभावनाएं भी तलाशी जाएं ताकि किसानों को इसका भरपूर लाभ मिल सके। 

मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित मेडिकल डिवाइस पार्क और बल्क ड्रग पार्क सहित आगामी परियोजनाओं की भी समीक्षा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने गत ‘मंडे मीटिंग’ में जारी दिशा-निर्देशों पर की गई कार्रवाई पर भी चर्चा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *