शिमला, 29 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार वर्षा के बाद अब मौसम खुल गया है। राजधानी शिमला में मंगलवार को दिन भर अच्छी धूप खिली रही। राज्य के मैदानी व पहाड़ी भागों में भी धूप खिलने से मौसम खुशगवार रहा। मौसम विभाग ने अगले दो दिन यानी 30 व 31 अगस्त को राज्य भर में मौसम के साफ रहने की संभावना जताई है। इसके बाद मौसम फिर करवट लेगा। पहली व दो सितंबर को मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में गरज के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। चार सितंबर तक मौसम खराब रहेगा।
बीते 24 घण्टों के दौरान राज्य में भारी वर्षा में काफी कमी आई है। इस अवधि में नैना देवी, धर्मपुर और बरठीं में 10-10 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई। धूप खिलने से तापमान में खासा उछाल आने से लोगों को उमस का सामना करना पड़ा। राजधानी शिमला में अधितकतम तापमान चार डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 25.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। चम्बा में अधिकतम तापमान 33.9, सुंदरनगर में 32.6, कांगड़ा में 32.7, बिलासपुर में 34, धौलाकुआं में 33.6, भुंतर में 32.2 और धर्मशाला में 29.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
इस बीच मौसम खुलने से आपदा प्रभावित इलाकों में लोगों ने राहत की सांस ली है। इन क्षेत्रों में अस्त-व्यस्त जनजीवन को पटरी पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य में अभी भी भूस्खलन से कई सड़कें बंद हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार सुबह तक राज्य में एक नेशनल हाइवे समेत 211 सड़कें अवरुद्ध हैं। मंडी में 84, सोलन में 38, शिमला में 30, कुल्लू में 26, कांगड़ा में 14, हमीरपुर में 10, बिलासपुर व सिरमौर में तीन-तीन, किन्नौर में दो और चम्बा में एक सड़क अवरुद्ध है। कुल्लु जिला में बंजार-आनी नेशनल हाइवे-305 बाधित है।
इसके अलावा राज्य भर में 105 बिजली ट्रांसफार्मर औऱ 165 पेयजल स्कीमें भी ठप हैं। मंडी जिला में 565, शिमला में 35 और सोलन में आठ ट्रांसफार्मरों के बंद होने से लोगों को बिजली किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
मंडी जिला में 142 पेयजल स्कीमें ठप हैं। सोलन में 10,
हमीरपुर में सात और शिमला में छह पेयजल स्कीमें प्रभावित हैं।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में भारी वर्षा, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड से भरी नुकसान हुआ है। बीते 65 दिनों के दौरान वर्षा से जुड़े हादसों में 381 लोगों की जान गई है और 38 लापता हैं। 360 लोग घायल हुए हैं। भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से 143 लोग मारे गए हैं। जबकि अन्य वर्षा जनित हादसों में 238 लोगों की मौत हुई। मानसून सीजन में 2466 मकान, 312 दुकानें और 5517 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हूईं। जबकि 10648 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। बीते दो महीने में राज्य के 161 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 73 स्थानों पर बाढ़ आया। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 8642 करोड़ का नुकसान आंका गया है।