हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, 33 घण्टे चली कार्यवाही

धर्मशाला, 23 दिसम्बर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा शनिवार को शीतकालीन सत्र की अंतिम बैठक की समाप्ति के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। यह धर्मशाला के तपोवन में 17वां सत्र रहा। शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से आरंभ हुआ था। सत्र के दौरान कुल पांच बैठकें आयोजित की गईं। 21 दिसंबर का एक दिन गैर-सरकारी कार्य दिवस के लिए निर्धारित किया गया था। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सत्र के समापन पर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही 33 घंटे चली तथा इसकी उत्पादकता 132 प्रतिशत रही। 

उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान कुल 260 तारांकित तथा 119 अतारांकित प्रश्नों की सूचनाओं पर सरकार द्वारा उत्तर उपलब्ध करवाए गए। पठानिया ने कहा कि सदन में नियम-61 के अन्तर्गत चार विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त सदन में नियम 62 के तहत पांच विषयों पर तथा नियम 63 के अन्तर्गत एक विषय पर सार्थक चर्चा की गई।  नियम 101 के अन्तर्गत पांच, नियम 102 के अन्तर्गत दो, नियम 130 के अन्तर्गत सात तथा नियम-324 के अन्तर्गत सात विषयों पर सार्थक चर्चा की गई।

उन्होंने कहा कि सभा की समितियों के 41 प्रतिवेदन सभा में उपस्थापित किए गए। इसके अतिरिक्त मन्त्रियों  द्वारा अपने- अपने  विभागों से सम्बन्घित दस्तावेज भी सभा पटल पर रखे गए तथा महत्वपूर्ण वक्तव्य भी दिए गए। भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन वर्ष 2022-2023 (वित्त लेखे खण्ड-I एवं खण्ड-II) तथा  (विनियोग लेखे) हिमाचल प्रदेश सरकार भी सभा पटल पर रखे गए।

पठानिया ने कहा कि हमने इस कैलेण्डर वर्ष  में 31 बैठकें पूरी की। पिछले सत्र में 7 बैठकों का आयोजन किया गया था जिसकी कार्यवाही 36 घण्टे 38 मिनट चली थी व उसकी उत्पादकता 106 प्रतिशत रही थी तथा उस सत्र में 739 सूचनाएं माननीय सदस्यों से प्रश्नों के माध्यम से प्राप्त हुई थी।                

उन्होंने कहा कि सदस्यों  से प्रश्नों के माध्यम से जो सूचनाएं प्राप्त हुई थी वह मुख्यत: प्रदेश में हाल ही में भारी वर्षा तथा प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न हुई स्थिति सरकार द्वारा आपदा से निपटने के लिए किए गए प्रयासों, सड़कों की दयनीय स्थिति तथा उसकी बहाली, स्वीकृत सड़कों की डीपीआर, प्रदेश में महाविद्यालयों, स्कूलों, स्वास्थ्य संस्थानों इत्यादि का उन्नयन एवं विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पदपूर्ति, पर्यटन, उद्यान, राजस्व, पेयजल की आपूर्ति, युवाओं में बढ़ते नशे के प्रयोग की रोकथाम,  बढ़तें अपराधिक मामलों, सौर ऊर्जा, परिवहन व्यवस्था पर आधारित थी। 

इसके अतिरिक्त सदस्यों ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को भी सदन में प्रमुखता से उठाया तथा सरकार से आश्वासन भी प्राप्त किए। सत्र के दौरान प्रयास रहा कि सत्र की कार्यवाही सौहादपूर्ण वातावरण में चले।

पठानिया ने सदन की कार्यवाही सम्पन्न होने पर माननीय मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष  तथा उप-मुख्यमंत्री सहित संसदीय कार्यमंत्री का भी धन्यवाद किया  जिनकी बजह से सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित कर पाए। इसके साथ ही उन्होंने विधान सभा उपाध्यक्ष सहित सदस्यों सहित विधान सभा के सचिव और समस्त अधिकारियों/ कर्मचारियों एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों/ कर्मचारियों तथा हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों का भी धन्यवाद किया।

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