हिमाचल में जून से महिलाओं को मिलेगी 1500 रुपये की सम्मान राशि

शिमला, 04 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अपनी चुनावी गारंटियों को पूरा करने की कवायद में जुटी है। सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली के बाद महिलाओं को हर माह 1500 रुपये की सम्मान राशि देने की योजना को सिरे चढ़ाने की तैयारी चल रही है। इस योजना के लिए गठित कैबिनेट की सब-कमेटी की बैठक शनिवार को शिमला में हुई। समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सब कमेटी ने महिलाओं को 1500 रुपए मासिक पेंशन देने का खाका तैयार किया गया। बैठक के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि नारी सम्मान योजना के तहत जून माह से महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विकास खंड कार्यालयों से डाटा एकत्रित किया गया और पात्र महिलाओं की पहचान की गई। नारी सम्मान योजना के तहत प्रदेश की 10,53,021 महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपये दिए जाएंगे। इससे प्रदेश सरकार पर 1,895 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि नारी सम्मान योजना का एजेंडा पहले कैबिनेट में लाया जाएगा और उसके बाद बजट सत्र में इसे पारित किया जाएगा। धनीराम शांडिल ने कहा कि 31 मार्च से पहले बजट पेश कर दिया जाएगा। इस योजना के लिए अप्रैल में आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। आवेदन प्राप्त करने और उनकी जांच करने में करीब 45 दिन का समय लगेगा।

उन्होंने बताया कि जून के पहले सप्ताह तक लाभार्थियों को पैसा दिया जाएगा। यह राशि चरणबद्ध तरीके से दी जाएगी। बीपीएल परिवार में यदि कोई महिला और दो बेटियां हैं तो ऐसे मामले चिन्हित किए जांएगे।

गौर हो कि कांग्रेस ने चुनाव से पूर्व अपनी गारंटियों में 18 से 59 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 रुपये मासिक देने का वायदा किया था। हिमाचल प्रदेश में साल 2011 की जनगणना के मुताबिक 22 लाख 40 हजार 492 महिलाएं हैं।

हालांकि सत्तासीन होने के बाद कांग्रेस सरकार ने नारी सम्मान योजना के तहत यह राशि देने के लिए कुछ मापदंड निर्धारित किये हैं। इसके तहत नौकरीपेशा, टैक्स अदा करने वाले और पहले से किसी पेंशन योजना में कवर होने वाली महिलाओं को यह लाभ नहीं दिया जाएगा। इस तरह करीब 10.53 लाख महिलाएं इस योजना के दायरे में आएंगी। खास बात यह है कि कर्ज़ के बोझ तले दबी हिमाचल सरकार पर इस योजना से हर साल करीब 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार झेलना पड़ेगा।

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