शिमला. समग्र शिक्षा स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि ये शिक्षण संस्थान सरकार द्वारा निर्धारित प्रशासनिक व वित्तीय नियमों के अनुरूप चलें। इसी को ध्यान में रखकर समग्र शिक्षा प्रदेश के स्कूल प्रमुखों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। समग्र शिक्षा इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश के कुल 780 स्कूलों के प्रधानाचार्यों और मुख्याध्यापकों को प्रशिक्षित करेगा, जिससे कि वे निर्धारित नियमों के मुताबिक अपने कर्तव्यों का निवर्हन कर सकें। प्रदेश के सरकारी स्कूल के प्रमुखों के प्रशिक्षण की शुरुआत सोमवार को हिप्पा (Himachal Pradesh Institute of Public Administration-HIPA) फेयरलांज, शिमला में हुई। पांच दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ समग्र शिक्षा हिमाचल के ज्वाइंट कंट्रोलर बलबीर कुमार ने किया। बलबीर कुमार ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मकसद स्कूल प्रमुखों को ऑफिशियल, फाइनेंशियल प्रोसीजर के बारे में प्रशिक्षित करने का है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से स्कूलों में अधिकारिक कार्य से लेकर वित्तीय मामलों को निपटाने के अलावा आरटीआई, बजट, सीसीएस रूल्स, जीपीएफ, आरटीआई एक्ट जैसे कई नियमों की जानकारी स्कूल प्रमुखों को दी जाएगी। यह प्रशिक्षण स्कूल प्रमुखों को आफिशियल मैनुअल के मुताबिक फाइल ड्राफ्टिंग करने सहित अन्य कार्यों को निपटाने में मदद करेगा। इस ट्रैनिंग कोर्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इससे स्कूल प्रमुखों की परफॉर्मेंस में दक्षता आएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद जब वे अपने स्कूलों में वापस जाएंगे तो महसूस करेंगे कि पहले की तुलना में वे अपना कार्य उत्कृष्टता से कर पा रहे हैं।
समग्र शिक्षा के स्टेट प्लानिंग कोर्डिनेटर सुनील शर्मा ने कहा कि समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के दिशा निर्देशों के मुताबिक ही प्रदेश के स्कूल प्रमुखों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। समग्र शिक्षा इस वित्तीय वर्ष में कुल 780 स्कूल प्रमुखों को प्रशिक्षण देगा। इसकी शुरुआत सोमवार को हिप्पा में प्रशिक्षण कार्यशाला से हुई है, जिसमें शिमला जिला के 30 स्कूल प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं। पहले बैच को पांच दिनों तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी समग्र शिक्षा की ओर से 800 स्कूल प्रमुखों को प्रशिक्षण दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में स्कूल प्रमुखों को वित्तीय, प्रशासनिक सहित अन्य नियमों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा।
एचपीएफएएस (HPFAS) के रिटायर्ड अधिकारी राजेश शर्मा और हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के पूर्व एडवाइजर ज्ञानचंद रायटा इस कार्यशाला में बतौर गेस्ट फैकल्टी शामिल हुए। ज्ञानचंद रायटा ने सीसीएस (कंडक्ट)रूल्स-1964, स्कूलों में खरीद संबंधी नियमों की बारीकियों के बारे में स्कूल प्रमुखों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारियों पर किस तरह से सीसीएस रूल्स लागू होते हैं और उनको इसके अनुरूप ही कंडक्ट करना जरूरी है। उन्होंने स्कूल प्रमुखों को फाइनेंशियल रूल्स, कैश बुक और वाउचर मेंटेन करने के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि स्कूलों में खरीद सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के मुताबिक ही की जानी चाहिए। हालांकि अगर किन्ही अपरिहार्य कारणों से नियमों से हटकर खरीद करनी पड़ रही तो इसकी बाउचर पर नोटिंग जरूर करें।
राजेश शर्मा ने प्रधानाचार्यों और मुख्याध्यापकों को हिमाचल प्रदेश फाइनेंशियल रूल्स-2009 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे बतौर डीडीओ स्कूलों में हुए खर्चे का ब्यौरा पूरी तरह से मेंटेन करें। यह भी सुनिश्चित करें कि जिस योजना के तहत पैसा आया है, उसी पर ही यह खर्च हो।
राजेश शर्मा ने स्कूल प्रमुखों को डीडीओ कार्य करते हुए बेहद सावधानी बरतने की भी सलाह दी। उनका कहना था कि सभी स्कूल प्रमुखों को कोई भी खरीद करते समय इसका वैलिड प्रूफ रखना होगा। स्कूलों के लिए हुई खरीद में पारदर्शिता बरतने के साथ भी यह सुनिश्चित करें कि यह खरीद न्यूनतम रेट पर की गई है।
इस कार्यशाला में हिप्पा के कोर्स डायरेक्टर जेआर कौशल भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला स्कूल प्रमुखों को उनके दैनिक कार्यों को निपटाने में मदद करने के साथ ही विभागीय परीक्षा की तैयारियों में भी मदद करेगी।