मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के लिए वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) प्रणाली में संशोधन की घोषणा की है। इन सुधारों का उद्देश्य अधिकारियों के मूल्यांकन को सीधे उनके कार्य परिणामों से जोड़कर जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक सचिवों और जिलों में तैनात उपायुक्तों सहित सभी अधिकारियों का मूल्यांकन केवल उनके एपीएआर के आधार पर किया जाएगा। नई प्रणाली के तहत प्रदर्शन मूल्यांकन सीधे सभी अधिकारियों के कार्य परिणामों से जुड़ा होगा। उत्कृष्ट, बहुत अच्छा, अच्छा और औसत जैसी पारंपरिक वर्णनात्मक श्रेणियों को एक संख्यात्मक ग्रेडिंग स्केल से बदल दिया जाएगा। उनकी वार्षिक कार्य योजना की उपलब्धियां, अन्य कार्य-संबंधी विशेषताएं और व्यक्तिगत व कार्यात्मक विशेषताएं सुधारों में नकारात्मक अंकन भी शामिल है। अधिकारियों का मूल्यांकन तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर किया जाएगा, जिसके तहत सरकारी आदेशों या परामर्श का पालन न करने पर अधिकारियों के 1-10 के मापदण्ड पर अपने समग्र ग्रेड से दो अंक कम होने की भी संभावना हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने पारदर्शिता को एक प्रमुख मापदंड के रूप में रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को उनका मूल्यांकन प्राप्त होगा, जो कार्य को बढ़ावा देगा और उनके कार्य प्रदर्शन में सुधार को प्रोत्साहित करेगा। एपीएआर प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगी, जिससे संचालन सुव्यवस्थित होगा और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा लागू होगी।
उन्होंने कहा कि यह संशोधन निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए तैयार किए गए हैं, विशेष रूप से क्षेत्र-स्तर के अधिकारियों के लिए, जिनका प्रदर्शन मात्रात्मक लक्ष्यों को पूरा करने से जुड़ा होगा। उन्होंने कहा कि उच्च प्रबंधन अधिकारियों का गुणात्मक पहलुओं और व्यक्तिगत विशेषताओं के आधार पर मूल्यांकन जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुधार प्रशासन को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं और इससे प्रशासन के भीतर जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।