परख सर्वे-24 को लेकर सभी समर्पण के साथ सभी मिलकर करें कार्यः समग्र शिक्षा निदेशक
शिमला। समग्र शिक्षा की ओर से प्री-प्राइमरी कक्षाओं की सामग्री तैयार करने के लिए चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कृषि सहकारी कर्मचारी प्रशिक्षण संस्थान सांगटी, शिमला में किया गया। स्टार प्रोजेक्ट के अंतर्गत आयोजित की गई यह कार्यशाला प्री-प्राइमरी कक्षाओं की सामग्री निर्माण व समीक्षा करने की श्रृंखला में हो रही कार्यशालाओं के तहत दूसरी कार्यशाला थी। कार्यशाला का समापन समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने किया।इस मौके पर राजेश शर्मा ने कहा कि प्री-प्राइमरी कक्षाओं की सामग्री को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि इससे बच्चों का संपूर्ण विकास सुनिश्चित हो। उन्होंने बच्चों के सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक विकास के लिए कक्षाओं में पाठ्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन पर बल दिया। उन्होंने कार्यशाला में आए प्रतिभागियों का प्री-प्राइमरी कक्षाओं की सामग्री के निर्माण व समीक्षा में योगदान की सराहना की और कहा कि इनकी इसमें अहम भूमिका रही है।
प्रदेश सरकार परख सर्वे-24 को लेकर बेहद गंभीर
राजेश शर्मा ने स्कूलों में 4 दिसंबर को होने जा रहे परख सर्वेक्षण-24 की तैयारियां को पूरे समर्पण के साथ करने का सभी का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस सर्वे को लेकर बेहद गंभीर है और सरकार के इस बारे में स्पष्ट निर्देश कि इस सर्वे में हिमाचल का प्रदर्शन बेहतर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने परख की तैयारियों को लेकर स्वयं कमान संभाल रखी है और वे समय समय पर इसकी तैयारियों की समीक्षा कर इससे संबंधित निर्देश दे रहे हैं।राजेश शर्मा ने कहा कि समग्र शिक्षा और शिक्षा विभाग परख सर्वे-24 में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। स्कूलों को इसके लिए बच्चों की लगातार प्रैक्टिस कराने के निर्देश दिए गए हैं। यही नहीं समग्र शिक्षा की ओर से परख सर्वे से पहले मॉक टेस्ट भी कराए जा रहे हैं।चार दिवसीय यह कार्यशाला बालवाटिका-1 बालवाटिका-2 एवं बालवाटिका-3 के लिए आवश्यक शिक्षण-सह अधिगम सामग्री (Teaching-Learning Material) की समीक्षा और निर्माण के उद्देश्य से आयोजित की गयी। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला का समन्वयन दिलीप कुमार वर्मा, राज्य समन्वयक प्री-प्राइमरी समग्र शिक्षा ने किया। इसमें रंजना कुमारी, सहायक प्राचार्य राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद , सोलन, प्रदेश के 8 जिलों के प्री प्राइमरी समन्वयक एव प्रथम संस्था की राष्ट्रीय प्रतिनिधि समयुक्ता सुब्रमनियन, अर्चना सिंह, आयुषी सिंह, कृतिका पांडे, स्वाति, गुरमीत सिंह, राज्य प्रतिनिधि जोगिंद्र लाल, कुलदीप पुंडीर, केवल कृष्ण, जागृति शर्मा, पुरुषोत्तम ठाकुर व प्रथम के ज़िला स्तर के सदस्यों व मुख्य स्त्रोत व्यक्तियों सहित 45 प्रतिभागियों ने भाग लिया |उल्लेखनीय है कि प्री- प्राइमरी के लिए शिक्षण सामग्री निर्माण के लिए तीन चरणों में कार्यशालाएं आयोजित की जा रहीं है। इस संदर्भ में पहली कार्यशाला 27 से 31 अगस्त में आयोजित की गयी, जबकि दूसरी कार्यशाला 15 से 18 अक्टूबर तक हुई, जिसमें प्री-प्राइमरी गतिविधि पुस्तिका एवं संबंधित शिक्षण सामग्री का निर्माण किया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा- National Curriculum Framework-2022 में उल्लेखित विकास के क्षेत्रों, दक्षताओं एवं उद्देश्यों एवं पूर्व-प्राथमिक पाठ्यचर्या- “Pre-Primary Curriculum-2023 हिमाचल प्रदेश के आधार पर सामग्री का निर्माण किया गया।इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को चार समूहों मे विभाजित किया गया और प्रत्येक समूह को बालवाटिका-1, बालवाटिका-2 एवं बालवाटिका-3 के लिए पहली कार्यशाला में किए गए कार्य/गतिविधियों की समीक्षा की गई एवं अपेक्षित सामग्री को कार्यरूप दिया। यह सामग्री उन अवधारणाओं पर आधारित हैं , जिन्हें प्री-प्राइमरी कक्षाओं में शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाना है। सभी समूहों ने अपने अपने कार्यों को कार्यशाला के दौरान अंतिम रूप दिया। सभी प्रतिभागियों ने कार्यशाला के दौरान अपने अनुभव साझा किए और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। हिमाचल प्रदेश में 6,297 प्राथमिक विद्यालयों में प्री- प्राइमरी कक्षाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है।