शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान कहा कि सरकार कॉस्ट कटिंग के नाम पर जेई, एसडीओ, एक्सईएन के पद खत्म कर रही है। इंजीनियर सरकार और विभाग पर बोझ नहीं होते। जो काम करते हैं उससे संबंधित विभाग बेहतर काम करता है। सरकार पर वास्तविक बोझ सीपीएस और कैबिनेट रैंक के साथ बनाए गए सलाहकार और ओएसडी हैं। जिन पर हर महीने लाखों रुपए का खर्च हो रहा है। लेकिन सरकार कॉस्ट कटिंग के नाम पर इंजीनियर को हटा रही है। उनके पद खत्म कर रही है। जबकि जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों से सरकार अपने मित्रों को सुविधाएं प्रदान कर रही है। अगर सरकार को कॉस्ट कटिंग करनी है तो सबसे पहले असंवैधानिक रूप से बनाए गए सीपीएस को हटाए। सलाहकारों की फौज को हटाए। लेकिन सरकार आठ – दस हजार की रुपए की नौकरी पर करने वाले आउटसोर्स के कर्मियों को हटाती है। आउटसोर्स कर्मियों की तनख्वाह रोकती है। ठेके पर काम करने वाले सुरक्षाकर्मियों और सफाई कर्मियों का वेतन रूकती है। दूरदर्शिता और मानवीय संवेदना से भी को दूर है।जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास का सबसे बड़ा रोड़ा सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार है। विकास के बजाय भ्रष्टाचार को प्राथमिकता देती है। केंद्र सरकार के साथ समन्वय की बजाय संवादहीनता रखती है। आज हिमाचल में कल लाखों करोड़ों के प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो केंद्र के सहयोग से चल रहे हैं। सभी प्रोजेक्ट्स को हिमाचल प्रदेश में पूरे जोर-शोर से चल रहे हैं तो उसके पीछे का सहयोग और हिमाचल से जुड़े भाजपा के नेताओं के द्वारा किए गए प्रयासों के कारण ही संभव हुआ है।अगर केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट हिमाचल में रुक रहे हैं उनके क्रियान्वयन में रुकावट आ रही है उसके पीछे सरकार का तानाशाही पूर्ण रवैया और सहयोग न करना है। आज प्रदेश में केंद्र सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं विभिन्न प्रोजेक्ट्स में हिमाचल प्रदेश सरकार अपना शेयर नहीं दे रही है। राज्य सरकार के द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले संसाधनों को भी प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध नहीं करवा रही है। जिसके कारण हिमाचल प्रदेश में आने वाले समय में कई प्रोजेक्ट प्रभावित हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश में रेल कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा भरपूर सहयोग दिया जा रहा है हर बजट में हिमाचल की भानुपल्ली- बिलासपुर, चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन के लिए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष हिमाचल का शेयर देने के लिए बार-बार पत्र लिख रहे हैं लेकिन राज्य सरकार अपना हिस्सा नहीं दे रही है। जिससे आने वाले समय में यह कार्य प्रभावित हो सकता है जिससे प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ जाएगी। यही रवैया कांग्रेसनीति सुक्खू सरकार केंद्र के हर प्रोजेक्ट्स में अपना रही है। इसलिए मुख्यमंत्री महोदय से विनम्र आग्रह है कि वह अपनी नाकामियों को समझे उसे सुधारे नेता प्रतिपक्ष के ऊपर हमलावर होने से प्रदेश का भला नहीं होगा।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश ऐसी स्थिति में आ गया है कि मुख्यमंत्री को वेतन समय से जारी करने की सूचना देने के लिए भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ती है। पहले मुख्यमंत्री किसी नई योजना की घोषणा कोई उपलब्धि जैसे मसलों पर ही प्रेस कांफ्रेंस करते थे। हिमाचल प्रदेश में पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री एक सरप्राइज प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा करके यह बताते हैं कि इस बार समय से वेतन आएगा। लेकिन वह यह नहीं बताते हैं कि यह वेतन केंद्र सरकार द्वारा राज्य करों के के शेयर के अग्रिम भुगतान की वजह से संभव हो पाया है।