शिमला, 27 मार्च। हिमाचल प्रदेश सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि इस श्रेणी में प्रदेश के हजारों युवा कार्यरत हैं। फिलहाल सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं को समझ रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक इंद्रदत्त लखनपाल के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में युवा आउटसोर्स के रूप में कार्य कर रहे हैं और इनके लिए नीति तैयार किए जाने तक सरकार ने इन्हें फौरी राहत देने के लिए इनके पारिश्रमिक में 750 रुपए प्रति माह की बढ़ोतरी की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलशक्ति विभाग में पांच हजार नियमित नियुक्तियां की जाएंगी और आउटसोर्स कर्मचारियों को इनके लिए आवेदन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को नौकरी से नहीं हटाएगी। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों के लिए चिकित्सा, यात्रा और ईएसआई का भी प्रावधान करने जा रही है।
विधायक केएल ठाकुर के एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार करूणामूलक आधार पर नौकरियों पर विस्तृत विचार विमर्श कर रही है ताकि इनके लिए नए सिरे से नियम व शर्तें तय की जा सके।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विधायक बिक्रम ठाकुर के सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में नाबार्ड के तहत बनने वाली 230 सड़कों पर एफसीए मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इन मामलों को लेकर बहुत गंभीर हैं और इसके लिए विशेष प्रकोष्ठ गठित करने के साथ-साथ विशेष अधिकारी भी तैनात किए गए हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि नाबार्ड की इन सड़कों के अलावा भी एफसीए की मंजूरी के लिए 588 मामले विभिन्न चरणों में है। इनमें से 121 मामलों में एफसीए की अंतिम मंजूरी मिल गई है, जबकि 157 मामलों में सैद्धांतिक मंजूरी मिली है। 310 मामले अभी मंजूरी के लिए लंबित हैं।
भाजपा सदस्य बलवीर वर्मा के सवाल के जवाब में लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सरकार सभी सड़क परियोजनाओं का निर्माण तय सीमा में सुनिश्चित करेगी और इसमें देर करने वाले ठेकेदारों पर जुर्माने के कड़े प्रावधान किए जाएंगे।