हिमाचल में बंद नहीं होगी अटल सहित पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम पर चल रही योजनाएं

शिमला, 27 मार्च। हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री के नाम चल रही योजनाएं बंद नहीं करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य विनोद कुमार और लोकेंद्र कुमार के जवाब में कहा कि सरकारों का आना और जाना एक सतत प्रक्रिया है और मौजूदा सरकार सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम से चल रही योजनाओं का सम्मान करती है।

सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार के मन में अटल बिहारी वाजपेयी सहित सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए बहुत आदर और सम्मान है और उनके नाम से शुरू की गई सभी योजनाएं जारी रहेंगी। वे इसका जिक्र बजट पर हुई चर्चा के जवाब में भी कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने पूर्व भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई अटल आदर्श विद्यालय योजना के तहत बनाए गए स्कूलों के भविष्य के बारे में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा जताई गई आशंका को निराधार करार दिया।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल योजना के तहत स्कूल एसडीएम कार्यालय के 3-4 किमी की परिधि में खोले जाएंगे और इस क्षेत्र में पड़ने वाले सभी प्राइमरी स्कूलों के विद्यार्थियों में इनमें शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में खेल मैदान सहित अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। जहां पानी की व्यवस्था होगी, वहां स्वीमिंग पूल भी बनाए जाएंगे।

सुक्खू ने कहा कि सरकार प्राइमरी स्कूल के प्रत्येक बच्चे पर 36 हजार रुपए खर्च कर रही है।

इससे पूर्व, मूल प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे बोर्डिंग के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है और इनमें से 9 विधानसभा क्षेत्रों में भूमि शिक्षा विभाग के नाम हो चुकी है। इनमें इंदौरा, जसवां परागपुर, पालमपुर, किन्नौर, ऊना, हरोली, कुटलैहड़, गगरेट और बड़सर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 22 विधानसभा क्षेत्रों में इन स्कूलों के एफसीए क्लीयरेंस के केस स्वीकृति के लिए भेजे जा चुके हैं। इसी मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के कंसेप्ट में कोई स्पष्टता नहीं है।

….

हिमाचल में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बनेगी नीति,
750 रुपये बढ़ाई पगार : सुक्खू

शिमला, 27 मार्च (ऊषा शर्मा)।  हिमाचल प्रदेश सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि इस श्रेणी में प्रदेश के हजारों युवा कार्यरत हैं। फिलहाल सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं को समझ रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक इंद्रदत्त लखनपाल के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में युवा आउटसोर्स के रूप में कार्य कर रहे हैं और इनके लिए नीति तैयार किए जाने तक सरकार ने इन्हें फौरी राहत देने के लिए इनके पारिश्रमिक में 750 रुपए प्रति माह की बढ़ोतरी की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलशक्ति विभाग में पांच हजार नियमित नियुक्तियां की जाएंगी और आउटसोर्स कर्मचारियों को इनके लिए आवेदन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को नौकरी से नहीं हटाएगी। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों के लिए चिकित्सा, यात्रा और ईएसआई का भी प्रावधान करने जा रही है।

विधायक केएल ठाकुर के एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार करूणामूलक आधार पर नौकरियों पर विस्तृत विचार विमर्श कर रही है ताकि इनके लिए नए सिरे से नियम व शर्तें तय की जा सके।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विधायक बिक्रम ठाकुर के सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में नाबार्ड के तहत बनने वाली 230 सड़कों पर एफसीए मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इन मामलों को लेकर बहुत गंभीर हैं और इसके लिए विशेष प्रकोष्ठ गठित करने के साथ-साथ विशेष अधिकारी भी तैनात किए गए हैं।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि नाबार्ड की इन सड़कों के अलावा भी एफसीए की मंजूरी के लिए 588 मामले विभिन्न चरणों में है। इनमें से 121 मामलों में एफसीए की अंतिम मंजूरी मिल गई है, जबकि 157 मामलों में सैद्धांतिक मंजूरी मिली है। 310 मामले अभी मंजूरी के लिए लंबित हैं।

भाजपा सदस्य बलवीर वर्मा के सवाल के जवाब में लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सरकार सभी सड़क परियोजनाओं का निर्माण तय सीमा में सुनिश्चित करेगी और इसमें देर करने वाले ठेकेदारों पर जुर्माने के कड़े प्रावधान किए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *