हिमाचल में नशे के खिलाफ पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधि चलाएंगे अभियान, जनप्रतिनिधियो के लिए राजभवन में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन, राज्यपाल ने नशा निवारण की ट्रेनिंग के लिए 30 प्रशिक्षु के दल को दिखाई हरी झंडी

शिमला। हिमाचल प्रदेश में नशे की रोकथाम में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से अब गांव- गांव तक अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए इन संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। आज राजभवन शिमला में “नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन से निपटने में पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका” विशेष पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया। पंचायती राज विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में पंचायती राज प्रतिनिधियों सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। नशा निवारण से सम्बन्धित कार्यशाला में इन्होंने अपनी बात कही। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कार्यशाला मे जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि नशे से निपटने के लिए पंचायती राज संस्थाओं का अत्यंत महत्व है। देवभूमि हिमाचल पर्यटन और आध्यात्म की दृष्टि से लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। लेकिन मादक द्रव्य की बढ़ रहीं प्रवृति से अब कहीं न कहीं देवभूमि मे कुल्लू के मलाना जैसी भूमि भी है जो नशे के लिए विदेशों तक मे जानी जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि नशे से सामुदायिक मूल्य नष्ट हो रहे है और नशे से शरीर को नष्ट करने की कोई मजबूरी नहीं है इसलिये नशे से निपटने के लिए सामुहिक प्रयास जरुरी हैं। उन्होंने कहा कि नशा निवारण के लिए सरकारी क्षेत्र में ही नशा निवारण केंद्र स्थापित होने चाहिए क्योंकि निजी केंद्रों की विश्वसनीयता संशय पैदा करती है। उन्होंने कहा कि नशा निवारण के लिए पंचायत स्तर पर कार्यो किया जाएगा तो य़ह कार्य एक पूरी पीढ़ी बचाने के समान है। इस अभियान में सबसे महत्वपूर्ण योगदान पंचायत प्रतिनिधी ही दे सकते है जो हिमाचल से नशा दूर कर सकते है। बाईट,,,राज्यपाल, शिव प्रताप शुक्ल इस अवसर पर पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी समाज में दिनों दिन बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए कहा कि नशे की बढ़ती गिरफ्त के सामने हम असहाय नहीं है अपितु हमारे पास एकता और समुदाय की ताकत है जिससे नशे जैसी प्रवृत्ति को हिमाचल से खत्म किया जा सकता है और इसमें पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाएगी । उन्होंने बताया कि अपने क्षेत्र में नशे को रोकथाम के लिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सशक्त बनाया जाएगा और प्रदेश भर में जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी । उन्होंने बताया कि आज राजभवन में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला के साथ इसकी शुरुआत हुई है और इसके अलावा आज और कल पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान मशोबरा में नशा निवारण के लिए 30 प्राथमिक ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और यह ट्रेनर बाद में प्रदेश भर में आयोजित होने वाली कार्यशालाओं में जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में एक वर्ष के भीतर 50% से अधिक पंचायत को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

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