जिला शिमला के गायन, वादन, नृत्य, लोक नाटक समेत कई विधाओं के कलाकारों की होगी ग्रेडिंग,,4 फरवरी तक मांगे आवेदन

SHIMLA. भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला शिमला की ओर से प्रदेश में होने वाले अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय राज्य, और जिला स्तरीय मेलो एवं उत्सवों में भाग लेने वाले कलाकारों के  उचित वर्गीकरण और उन्हें श्रेणीबद्ध करने के लिए चयन प्रक्रिया शुरू की गई है।
जिला भाषा अधिकारी शिमला अनिल हारटा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला शिमला के गायन, वादन, नृत्य ,लोक नाटक, लोक गाथा आदि विधाओं से जुड़े कलाकारों को 04फरवरी, 2025 तक संस्कृति भवन, खण्ड संख्या 39, कुसुमपटी, शिमला-9 में कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र पर आवदेन आमंत्रित किए है। चयन प्रक्रिया में भाग लेने वाले चयनित कलाकारों को उनके प्रदर्शन के आधार पर श्रेणीबद्ध किया जाएगा और उन्हें विभिन्न मेलों संस्कृति कार्यक्रमों उत्सवों में प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा। जिन कलाकारों ने राज्य स्तरीय मेलों में प्राइम टाइम में सात बार राष्ट्रीय स्तर के मेले मे पांच बार तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेले में  तीन बार अपनी प्रस्तुति दी है और हिमाचली कलाकार जिन्होंने प्रमुख टीवी लाइव शो जैसे इंडियन आइडल सारेगामा आदि में विजेता या विजेता का स्थान प्राप्त किया है उन्हें उच्च श्रेणी में शामिल किया जाएगा जिन कलाकारों ने हिमाचल यूथ फेस्टिवल में विजेता या उपविजेता का स्थान प्राप्त किया और म्यूजिकल ग्रुप या सांस्कृतिक दल जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक कार्यक्रम में तीन बार भाग लिया हो उन्हें द्वितीय श्रेणी में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा वह कलाकार जो रेडियो और दूरदर्शन या किसी अन्य सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थान या विभाग से चयन प्रक्रिया में श्रेणीबद्ध किया गया हो उन्हें इस चयन प्रक्रिया में भाग लेने की आवश्यकता नहीं है। परन्तु उन्हें भी विभाग का पंजीकरण प्रपत्र भरना होगा तथा  मेला समिति से सहभागिता प्रमाण पत्र और श्रेणी प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी जमा करवानी होगी तथा साथ ही पंजीकरण हेतु पासपोर्ट साइज फोटो और आधार कार्ड की फोटो कॉपी भी साथ लानी होगी।
चयन प्रक्रिया में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को किसी भी प्रकार का भत्ता या किराया नहीं दिया जाएगा इस चयन प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कलाकारों को न केवल मंच प्रदान करना है बल्कि उन्हें कला के विभिन्न क्षेत्रों में पहचान दिलाना है।
चयनित होने वाले कलाकारों को विभिन्न मेलों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उत्सवों में प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा

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