ऊना। ऊना शहर के सुनियोजित विकास के दृष्टिगत सोमवार को ग्राम पंचायत बरनोह के सभागार में जागरूकता शिविर लगाया गया। इस जागरूकता शिविर में लगभग 11 पंचायतों के प्रधानों, उप-प्रधानों, सचिवों और वार्ड सदस्यों को हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम 1977 और ऊना योजना/विशेष क्षेत्र में लागू नियमों व मानकों बारे जागरूक किया गया। सहायक नगर योजनाकार ऊना पंकज शर्मा ने शिविर में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों से अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को सुनियोजित विकास के जरिए शहर और ग्राम में संतुलन बनाए रखने के लिए जागरूक करने को कहा ताकि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुखमय बन सके।
पंकज शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियों के लिए अधिनियम द्वारा प्रदान की गई छूट के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऊना योजना क्षेत्र में शामिल पंचायतों में यदि कोई व्यक्ति जमीन खरीद कर निर्माण करना चाहता है तो उसे कार्यालय से अनुमति लेना अनिवार्य है। उन्होंने नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम, 1977 की धारा 16 (सी) के प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि लोग अपनी जमीन की बिक्री विभाग से प्लॉट स्वीकृत करवाके ही करवा सकते हैं, और खरीददार विभाग द्वारा उप-विभाजित प्लॉट ही खरीदे ताकि उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं मिल सकें और अच्छे, नियोजित घर का निर्माण कर सकें।
उन्होंने भू-संपदा विनियमन और विकास अधिनियम प्राधिकरण (रेरा) के प्रावधानों बारे जागरूक करते हुए बताया कि जो व्यक्ति अधिसूचित योजना क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर भूमि पर प्लॉट या 8 से अधिक अपार्टमेंट का निर्माण करके विक्रय करना चाहता है, उसे भू संपदा (रेरा) के तहत पंजीकरण करवाना आवश्यक है। यदि किसी व्यक्ति को 2500 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर प्लॉट या अपार्टमेंट का निर्माण करना है तो उस क्षेत्र को डीम्ड योजना क्षेत्र माना जाएगा और वहां भी विभाग की स्वीकृति लेना और रेरा से पंजीकरण करवाना जरूरी है। उन्होंने अवैध निर्माण से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया और लोगों को अवैध निर्माण से उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने आग्रह किया कि विभाग की स्वीकृति लेने के उपरांत ही सभी निर्माण कार्य करें ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो।
इस अवसर पर नगर एवं ग्राम योजना कार्यालय से शिव कुमार, दर्शन कुमार, लक्ष्मी कांत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।