शिमला, 13 मई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार किसानों और बागवानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इस कड़ी में सरकार बागवानी क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता और उत्पादकता वाले पौधों को विकसित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रही है।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को एक बयान में कहा कि प्रदेश की कृषि-जलवायु विविधता बागवानी क्षेत्र के विस्तार और सेब, नींबू प्रजाति के फलों, आम, खुमानी और नाशपती जैसे फलों की पैदावार के लिए वरदान है। राज्य सरकार किसानों की आय में वृद्धि और बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प है। इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में हर वर्ष फलों के पौधे रोपे जाते हैं। प्रदेश में विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित बागवानी विकास परियोजना के अंतर्गत लाखों पौधे आयातित किए जाते हैं। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बागवानी उत्पादों तथा फल-फसलों की उत्पादकता, गुणवत्ता और विपणन के लिए आधारभूत संरचना को बढ़ावा देना है। राज्य सरकार रोपित किए गए पौधों को विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाने के प्रति संवेदनशील है।
उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने और बागवानी क्षेत्र में सुधार के लिए प्रदेश सरकार नई तकनीकों को अपनाने पर विशेष बल दे रही है। इसके लिए कई फल उत्पादक राज्यों के पौधरोपण मॉडल का अध्ययन किया जा रहा है और किसानों को नवीनतम तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि पौधरोपण की अधिक-से-अधिक जीविता दर बनाई रखी जा सके।
उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्तपोषित एचपी शिव परियोजना के तहत ऑस्ट्रेलिया में पौध स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र में अपनाई जा रही स्क्रीनिंग, टैस्टिंग, साफ-सफाई व रख रखाव इत्यादि की आधुनिक तकनीक का अवलोकन एवं अध्ययन किया।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में शिवा परियोजना के अतंर्गत लगभग 1800 हेक्टेयर भूमि को संतरा उत्पादन के अन्तर्गत लाना प्रस्तावित है, जिसमें लगभग 20 लाख पौधों की आवश्यकता होगी।