शिमला, 16 मई । सिक्किम राज्य के स्थापना दिवस पर मंगलवार को राजभवन में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। राज्यपाल ने हिमाचल में रह रहे सिक्किम राज्य के नागरिकों को राजभवन में आमंत्रित किया तथा इस दिवस को कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर, सिक्किम से संबंधित हिमाचल में रह रहे प्रबुद्ध नागरिकों ने राज्यपाल के साथ सांस्कृतिक विरासत और उच्च परम्पराओं पर चर्चा की। राज्यपाल ने मेहमानों को हिमाचल टोपी, शॉल व पौधा भेंट कर सम्मानित किया।
राज्यपाल शुक्ल ने इस अवसर पर कहा कि सिक्किम के सबसे उल्लेखनीय पहलुओं में से एक इसकी विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का अनूठा मिश्रण है। उन्होंने कहा कि राज्य विविध जातीय पृष्ठभूमि के लोगों का घर है। इन विशिष्ट सांस्कृतिक पहचानों के बावजूद, सिक्किम के लोगों ने एकता और सद्भाव की भावना को बढ़ावा दिया है, जो शांति और आपसी सौहार्द के साथ मिलजुल कर रहते हैं। यह एकता, वर्षों से सिक्किम की प्रगति और विकास में एक महत्वपूर्ण कारक रही है। देश के समृद्धि में यह भाईचारा अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि नाथुला की सीमा भारत के गौरव की सीमा है। यहां के मठ भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने कहा कि सिक्किम में सोलोफोक पहाड़ी पर स्थित चारधाम भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों की एक ही जगह समेट कर पर बनायी गयी प्रतिकृति है, जो आस्था और आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। उन्होंने कहा कि सिक्किम राज्य आर्गेनिक खेती को लेकर देश में उदाहरण बन कर सामने आया है। सिक्किम शत-प्रतिशत आर्गेनिक खेती करने वाला देश का पहला राज्य है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक वर्ष, समग्र राज्य अपने राज्य के स्थापना दिवस को गर्व के साथ मनाते है। उन्होंने कहा कि देश के हर राज्य की अपनी अलग भाषा और विविध संस्कृति है। इतनी विविधता के बावजूद भी देश एक सूत्र में बंधा हुआ है।