बेसहारा गौवंश की देखभाल को मिला सहारा,,,चारा अनुदान राशि 1200 रुपये करने का निर्णय

SHIMLA. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि प्रदेश में बेसहारा गौवंश की देखभाल और उनके कल्याण के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गौ सदनों में रखे गए पशुओं के लिए मासिक चारा अनुदान को 700 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति पशु करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय सरकार की पशुधन कल्याण और किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बढ़ा हुआ अनुदान बेसहारा गौवंश की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने में कल्याणकारी साबित होगा। इस निर्णय से खेतों में बेसहारा घूमने वाले पशुओं से किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा।
राज्य सरकार ने पशुधन कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। गौ सदनों की स्थापना और विस्तार के लिए स्थानीय लोगों और संस्थाओं को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। नये गौ सदनों की स्थापना के लिए सरकार लोगों को 10 लाख रुपये अथवा परियोजना लागत की 50 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में प्रदान कर रही है। इसी प्रकार गौ सदन के विस्तार के लिए पांच लाख अथवा परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जाता है।
प्रदेश सरकार ने इन प्रयासों को मजबूती देने के लिए शराब पर उपकर बढ़ाकर 2.50 रुपये प्रति बोतल किया है, जिससे प्राप्त अतिरिक्त राजस्व को गौ सेवा के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार पशुधन की सुरक्षा और किसानों के हितों को सर्वोपरी मानते हुए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पशु खेतों में घुसकर खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे किसानों को आर्थिक हानि होती है। इस स्थिति में किसान निराश हो रहे हैं और खेती से विमुख होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस गंभीर समस्या को समझती है और इसे दूर करने के लिए निरंतर प्रभावी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि चारे के लिए बढ़ाया गया अनुदान गौसदनों की स्थिति में सुधार लाने और प्रदेश में बेसहारा पशुओं की समस्या को कम करने में मददगार सिद्ध होगा।

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