शिमला, 23 मई। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कम्पनी सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान अब तक का सर्वाधिक 3299 करोड़ रुपए का राजस्व दर्ज किया है। इससे पहले उच्चतम राजस्व वित्तीय वर्ष 2014-15 में दर्ज किया गया था, जब यह 3256 करोड़ रुपए था।
एसजेवीएन के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राजस्व में गत वर्ष के 2626 करोड़ रुपए की तुलना में 25.67% की वृद्धि दर्ज हुई है। बोर्ड ने 1.77 रुपए प्रति शेयर (10 रुपए प्रति शेयर की फेस वैल्यू पर) के लाभांश की भी अनुशंसा की है।
नन्द लाल शर्मा ने आगे बताया कि एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कर पश्चात लाभ (पीएटी) 1363.45 करोड़ रुपए दर्ज किया है जो गत वित्तीय वर्ष की तुलना में 39.48% अधिक है, जब पीएटी 977.52 करोड़ रुपए था। जबकि एसजेवीएन का नेटवर्थ 13128 करोड़ रुपए से बढ़कर 13822 करोड़ रुपए हो गया, जिसमें लगभग 694 करोड़ रुपए की वृद्धि है।
उन्होंने कहा कि कर पूर्व लाभ में वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 1343.44 करोड़ रुपए की तुलना में 28.93% की वृद्धि हुई है जो 1732.13 करोड़ रुपए है। इस अवधि के दौरान प्रति शेयर आय (ईपीएस) भी 34.61% की वृद्धि के साथ 2.60 रुपए से बढ़कर 3.50 रुपए हो गई है।
उन्होंने बताया कि एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपने महत्वाकांक्षी पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। 8240 करोड़ रुपए के साथ, कंपनी ने भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा निर्धारित 8,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य को पार किया है।
उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विद्युत सीपीएसई में 8,000 करोड़ रुपए का कैपेक्स लक्ष्य तीसरा सबसे बड़ा लक्ष्य था। इस उपलब्धि से और दृढ़ हुए विश्वास और उच्च मनोबल के साथ एसजेवीएन अब वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 10,000 करोड़ रुपए के विशाल पूंजीगत व्यय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तैयार है। वर्तमान में एसजेवीएन अखिल भारत एवं पड़ोसी देश नेपाल में 14 विद्युत परियोजनाओं और 2 ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण कर रहा है।