नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद परिसर में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया जिसमें सांसदों, पूर्व सांसदों, और लोक सभा सचिवालय तथा राज्य सभा सचिवालय के कर्मचारियों सहित सैकड़ों प्रतिभागियों ने सामान्य योग प्रोटोकॉल में भाग लिया।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि योग शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने के एक शक्तिशाली साधन के रूप में कार्य करता है और लोगों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि योग केवल व्यायाम का एक रूप नहीं है; यह जीवन जीने का समग्र तरीका है जो लोगों को शक्ति, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
बिरला ने लोगों से योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने और यह बताने के लिए प्रोत्साहित किया कि योग ने किस तरह उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है, इससे दूसरों को भी योग की परिवर्तनकारी शक्ति को जानने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने युवाओं से, विशेष रूप से, जीवन में लचीलापन, आत्मविश्वास और उद्देश्य की स्पष्टता विकसित करने के साधन के रूप में योग को अपनाने का आह्वान किया।
बिरला ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के विभिन्न भागों में लाखों लोग योग सत्रों में भाग ले रहे हैं और इस प्राचीन परंपरा के मूल भाव को अपना रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत की सबसे पुरानी और सबसे गहन प्रथाओं में से एक योग आज के आधुनिक और वैज्ञानिक युग में भी बहुत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में किए गए वैज्ञानिक अध्ययनों और शोधों ने हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर योग के सकारात्मक प्रभाव को मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि योग लोगों को तनाव कम करने, आंतरिक शक्ति का निर्माण करने और रचनात्मक तथा शांतिपूर्ण तरीके से ऊर्जा को प्रवाहित करने में मदद करता है। यह एकाग्रता और कार्य कुशलता को बढ़ाता है और एक स्वस्थ तथा संतुलित जीवन शैली प्रदान करता है।