डीपीआईआईटी सचिव ने झारखंड, सिक्किम, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश में विशाल अवसंरचना परियोजनाओं की पीएमजी समीक्षा की अध्यक्षता की

शिमला। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने 24 जून 2025 को झारखंड, सिक्किम, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों में विशाल अवसंरचना ढांचा परियोजनाओं को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और परियोजना समर्थकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) द्वारा सुगम अंतर-मंत्रालयी और राज्य समन्वय के माध्यम से मुद्दे के समाधान में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक में झारखंड राज्य में 34,213 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 11 महत्वपूर्ण परियोजनाओं के 18 मुद्दों, सिक्किम में कुल 943.04 करोड़ रुपये की लागत वाली 2 परियोजनाओं के 2 मुद्दों, नागालैंड में कुल 544.65 करोड़ रुपये की लागत वाली 2 परियोजनाओं के 3 मुद्दों, असम में कुल 6,700 करोड़ रुपये की लागत वाली 1 परियोजना के 1 मुद्दे और अरुणाचल प्रदेश में कुल 33,469 करोड़ रुपये की लागत वाली 1 निजी परियोजना सहित 3 परियोजनाओं के 7 मुद्दों की समीक्षा की गई।

झारखंड राज्य से संबंधित पतरातू थर्मल पावर स्टेशन विस्तार परियोजना चरण-I की विस्तार से समीक्षा की गई। यह परियोजना राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी)/पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीयूवीएनएल) के माध्यम से विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत कार्यान्वित की जा रही है। परियोजना का लक्ष्य चरणों में कुल 4,000 मेगावाट की क्षमता स्थापित करना है, जिसमें प्रथम चरण में 800 मेगावाट की तीन इकाइयाँ शामिल हैं, जो कुल मिलाकर 2,400 मेगावाट की होंगी। यह ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजना मौजूदा पतरातू थर्मल पावर स्टेशन स्थल पर स्थापित की जा रही है। यह परियोजना सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित है, जो बेहतर दक्षता और कम उत्सर्जन को सक्षम बनाती है। संयंत्र के लिए पानी पास के नलकारी बांध से लिया जाएगा, जबकि कोयले की आपूर्ति एनटीपीसी के कैप्टिव कोल ब्लॉकों के माध्यम से सुनिश्चित की गई है।

अरुणाचल प्रदेश में 2,880 मेगावाट की दिबांग जलविद्युत परियोजना, जिसे विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत एनएचपीसी द्वारा विकसित किया जा रहा है, में भारत का सबसे ऊंचा बांध होगा और यह सालाना 11,223 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करेगा। फरवरी 2032 तक प्रारंभ होने वाली यह परियोजना बाढ़ नियंत्रण में सहायता करेगी, राज्य को 13 प्रतिशत मुफ्त बिजली प्रदान करेगी और की शुद्ध शून्य लक्ष्यों का सहयोग करेगी।

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