शिक्षा की गुणवत्ता में अग्रणी बना हिमाचल, देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल

परख सर्वेक्षण-2024 में हिमाचल का शानदार प्रदर्शन, राष्ट्रीय स्तर पर सराहना

शिमला ।  परख सर्वेक्षण (PARAKH) 2024 में शानदार प्रदर्शन के लिए हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से सराहा गया है। दिल्ली में आयोजित “पाठ्यचर्या और मूल्यांकन की समानता तथा सीखने के परिणामों में सुधार” (National Conference on Curricular and Assessment Equivalence of Boards and Improving Learning Outcomes)विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में हिमाचल द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए ठोस सुधारों को अनुकरणीय बताया गया। सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश की ओर से समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने प्रदेश की शिक्षा यात्रा और बदलावों पर एक प्रेरणादायक प्रस्तुति दी, जिसे भरपूर प्रशंसा मिली। परख ( PARAKH ) राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 में हिमाचल ने उल्लेखनीय प्रगति करते हुए देश के शीर्ष पांच राज्यों में जगह बनाई है, जबकि वर्ष 2021 में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) में हिमाचल की रैंकिंग 21वीं थी।

ग्रेड स्तर पर हिमाचल का प्रदर्शन रहा उत्कृष्ट
परख सर्वेक्षण 2024 में हिमाचल का प्रदर्शन विभिन्न कक्षाओं में अत्यंत प्रभावशाली रहा। तीसरी कक्षा (ग्रेड 3) में हिमाचल ने राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया और राज्यों के बीच भी इसका स्थान दूसरा रहा। छठी कक्षा (ग्रेड 6) में हिमाचल को राष्ट्रीय स्तर पर चौथा स्थान मिला है, जबकि राज्यों के बीच यह तीसरे स्थान पर रहा। इसी तरह नौवीं कक्षा (ग्रेड 9) में प्रदेश ने राष्ट्रीय रैंक 4 और राज्यवार तीसरा रैंक प्राप्त कर अपनी श्रेष्ठता को साबित किया। समग्र शिक्षा निदेशक ने इसे हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था की मजबूती और गुणवत्ता में निरंतर सुधार का प्रमाण बताया।

दूरदर्शी नेतृत्व और ठोस रणनीति मिली सफलता
राजेश शर्मा ने इस उपलब्धि के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री , शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दूरदर्शी नेतृत्व, लगातार मार्गदर्शन और सघन समन्वय से ही यह सब संभव हो पाया है।
उन्होंने कहा कि इस सफलता के पीछे एक सशक्त और ठोस रणनीतिक योजना रही, जिसमें नियमित डेटा विश्लेषण, विद्यालय स्तर की रिपोर्टिंग और समयबद्ध अकादमिक हस्तक्षेप को प्राथमिकता दी गई। राज्य में राज्य स्तरीय उपलब्धि सर्वेक्षण (SLAS) और परख सर्वेक्षण के लिए पूर्व नियोजित अभ्यास परीक्षणों के माध्यम से बच्चों की सीखने की क्षमताओं का गहराई से मूल्यांकन किया गया। जहां भी शैक्षणिक कमियाँ पाई गईं, वहां तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए गए।
समग्र शिक्षा निदेशक ने कहा कि हिमाचल में तकनीकी नवाचारों को भी शिक्षा रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया। छात्रों के मूल्यांकन के लिए OCR आधारित टेस्ट, SwiftChat प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग और रियल-टाइम डेटा को विद्या समीक्षा केंद्र (VSK) तक पहुँचाने की प्रणाली ने एक सशक्त शिक्षण-अधिगम तंत्र तैयार किया। इस प्रणाली से शिक्षकों को समय पर फीडबैक मिला और छात्रों की व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार सहायता सुनिश्चित की गई।

राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल की शिक्षण प्रणाली को मिली व्यापक सराहना
सम्मेलन में हिमाचल की ओर से प्रस्तुत इस शिक्षा मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सराहना मिली। हिमाचल की इस उपलब्धि ने यह साबित किया कि जब नीति, तकनीक और मानवीय प्रयास एक दिशा में समन्वित रूप से कार्य करें, तो शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक और दूरगामी बदलाव संभव है। हिमाचल की यह उपलब्धि देशभर के लिए एक प्रेरणादायी मॉडल बन चुकी है।

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