सावधान! ऊना में बेसमेंट खरीदने से पहले जांचें नक्शा, वरना हो सकती है बड़ी परेशानी

ऊना, 18 जुलाई. यदि आप ऊना नगर निगम क्षेत्र में किसी भवन की बेसमेंट खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो थोड़ा ठहरिए…और पहले सावधानी से पूरी जांच-पड़ताल कर लीजिए। कहीं ऐसा न हो कि जो संपत्ति आपको बेची जा रही है, वह नगर निगम के अनुमोदित नक्शे में पार्किंग स्थल के रूप में दर्ज हो। ऐसी स्थिति में न केवल आपकी जमा पूंजी जोखिम में पड़ सकती है, बल्कि आपको बिजली, पानी व अन्य मूलभूत सेवाओं के कनेक्शन भी नहीं मिल पाएंगे।
नगर निगम ऊना के आयुक्त एवं अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां विक्रेता जानबूझकर पार्किंग के लिए स्वीकृत बेसमेंट को फ्लैट या दुकान के रूप में बेचने का प्रयास कर रहे हैं। यह पूरी तरह अवैध है और ऐसे सौदे खरीदार को गंभीर कानूनी और व्यवहारिक परेशानियों में डाल सकते हैं।
*सार्वजनिक जगहों की अवैध बिक्री से भी रहें सावधान*
श्री गुर्जर ने बताया कि केवल बेसमेंट ही नहीं, बल्कि ‘सरेंडर एरिया’, ‘सेट अपार्ट एरिया’ और ‘ओपन पार्किंग स्पेस’ जैसी सार्वजनिक उपयोग की जमीनों को भी अवैध रूप से बेचे जाने के प्रयास सामने आए हैं। यह नियमों का खुला उल्लंघन है, जो नागरिकों को भविष्य में न केवल आर्थिक हानि बल्कि कानूनी उलझनों में भी डाल सकता है।
*पूरी जांच के बाद ही करें खरीदारी*
उन्होंने कहा कि नगर निगम इस प्रकार के धोखाधड़ी मामलों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है, लेकिन साथ ही नागरिकों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। किसी भी बेसमेंट अथवा अन्य संपत्ति को खरीदने से पहले उसका वास्तविक उपयोग क्या है, यह नगर निगम से अनिवार्य रूप से जांचें।
नगर निगम ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एसडीओ अंकुश राणा की देखरेख में एक विशेष हेल्प डेस्क स्थापित किया है, जहां इच्छुक खरीदार भवन एवं भूमि की अनुमोदित स्थिति की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। लोग जानकारी के लिए निगम कार्यालय के दूरभाष नंबर 01975-226040 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कई मामलों में भवन का अनुमोदित नक्शा दर्शाता है कि बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग स्थल के रूप में किया जाना है। ऐसी स्थिति में उस बेसमेंट को आवासीय अथवा व्यावसायिक संपत्ति के रूप में बेचना गैरकानूनी है। कई विक्रेता जानबूझकर ऐसी बेसमेंट को फ्लैट या दुकान के रूप में बेच रहे हैं, जबकि वे सिर्फ पार्किंग के लिए ही स्वीकृत हैं। वहीं ‘सरेंडर एरिया’, ‘सेट अपार्ट एरिया’ और ‘ओपन पार्किंग स्पेस’ जैसी सार्वजनिक उपयोग की जमीनों को भी अवैध रूप से बेचे जाने के प्रयास सामने आए हैं। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि खरीदार के लिए आने वाले समय में भारी सिरदर्द बन सकता है।
*नागरिकों की सहायता के लिए सदैव तत्पर है नगर निगम*
श्री गुर्जर ने नागरिकों से अपील की है कि संपत्ति खरीद से पहले स्वीकृत नक्शे और नियमों की पूरी जानकारी अवश्य लें। सिर्फ आकर्षक दाम या दावों के झांसे में न आएं। पूरी जांच-पड़ताल करें और किसी भी संदेह की स्थिति में नगर निगम से संपर्क करें। नगर निगम उनकी सहायता के लिए सदैव तत्पर है।

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