जिला लाहौल-स्पीति प्रशासन 14 से 16 अगस्त 2025 तक हिमाचल प्रदेश का पहला ज़ीरो वेस्ट ट्राइबल फेस्टिवल आयोजित करने जा रहा है। यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल प्रदेश की समृद्ध जनजातीय विरासत का उत्सव होगा, बल्कि पर्यावरण अनुकूल आयोजनों की दिशा में एक नई मिसाल भी कायम करेगा।
फेस्टिवल के दौरान ज़ीरो वेस्ट के लक्ष्य को अपनाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे—
सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध – प्लास्टिक बोतल और डिस्पोज़ेबल कटलरी का इस्तेमाल नहीं होगा।
ड्रिंकिंग वाटर पॉइंट्स – कई स्थानों पर पेयजल के स्टॉल, नियमित गुणवत्ता जांच के साथ।
पर्यावरण अनुकूल परोसन – पत्तल व बायोडिग्रेडेबल कटलरी का प्रयोग।
सतत सामग्री का उपयोग – प्लास्टिक की जगह कपड़े के बैग और कपड़े के बैनर।
कचरा पृथक्करण – अलग-अलग प्रकार के कचरे के लिए स्पष्ट रूप से चिन्हित डिब्बे।
विशेष सहयोग – हीलिंग हिमालयाज और साहस एनजीओ के साथ साझेदारी, कचरा प्रबंधन, जागरूकता और पर्यावरण मित्र तरीकों की ट्रेनिंग।
फेस्टिवल का विशेष आकर्षण होगा “हेरिटेज इकोज़ पवेलियन”, जहां जनजातीय कला, शिल्प और परंपराओं को दर्शाया जाएगा। ट्राइफेड (Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India) के सहयोग से स्थानीय कारीगर अपने हस्तशिल्प, हैंडलूम और पारंपरिक व्यंजनों की बिक्री करेंगे, जिससे सांस्कृतिक संरक्षण के साथ रोज़गार को भी बढ़ावा मिलेगा।
सांस्कृतिक मंच पर नॉर्थ ज़ोन कल्चरल सेंटर (NZCC) के सहयोग से लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, गुजरात और उत्तराखंड से आए कलाकार प्रस्तुति देंगे। इनके साथ लाहौल-स्पीति, पांगी और हिमाचल के अन्य क्षेत्रों के कलाकार भी लोक संस्कृति की झलक पेश करेंगे।
फूड फिएस्टा में आगंतुकों को जनजातीय पारंपरिक व्यंजनों के साथ-साथ विभिन्न देशों के स्वाद चखने का भी मौका मिलेगा।
डिप्टी कमिश्नर लाहौल-स्पीति, किरण भड़ाना ने कहा—ट्राइबल फेस्टिवल 2025 केवल सांस्कृतिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारी सतत विकास और विरासत संरक्षण की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह हिमाचल का पहला ज़ीरो वेस्ट ट्राइबल मेला राज्यभर में जिम्मेदार तरीके से उत्सव मनाने की प्रेरणा देगा।प्रशासन ने सभी स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से इस अद्वितीय आयोजन में शामिल होकर संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक गर्व के इस संगम को देखने का आह्वान किया है।