शिमला, 11 जून। हिमाचल प्रदेश की चरमराती हालत के बीच राज्य सरकार के अधिकांश निगमों-बोर्डों की वितीय स्थिति भी गड़बड़ा गई है। आलम यह है कि इन निगमों-बोर्डों के कर्मचारियों को तनख्वाह के लाले पड़ गए हैं। पहली तारीख को मिलने वाला वेतन अब तक कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है। ऐसे में कर्मचारियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। रोजाना कर्मचारी वेतन का इंतजार कर रहे हैं तथा यह इंतजार अब और लंबा हो जाएगा।
हिमाचल पथ परिवहन निगम यानी एचआरटीसी का यही हाल है। घाटे में चल रहे एचआरटीसी के हज़ारों कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए हैं। खास बात यह है कि एचआरटीसी का जिम्मा खुद उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री संभाले हुए है और पिछले माह उन्होंने एचआरटीसी कर्मचारियों को हर माह समय पर पगार जारी होने का भरोसा दिया था।
कर्मचारियों की समझ में नहीं आ रहा कि पहली तारीख को मिलने वाला वेतन अब तक जारी क्यों नहीं किया गया। इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है तथा वेतन न मिलने से कर्मचारी खासे परेशान हैं।।
एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन के राज्य अध्यक्ष मान सिंह ने बताया कि अभी तक वेतन नहीं मिला है। सरकार की ओर से हर माह की 7 तारीख को वेतन मिलने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन अभी तक वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पिछले लंबे समय से एचआरटीसी कर्मियों को कभी महीने की 20 तो कभी 28 तारीख को वेतन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कर्मचारी सोमवार को प्रबंधन निदेशक एचआरटीसी से शिमला में मिलेगा। अगर समय पर वेतन जारी नहीं हुआ, तो सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
बता दें कि एचआरटीसीम करीब 1250 करोड़ से अधिक के घाटे में है। बीते कई महीनों से चालक-परिचालकों को समय पर मासिक वेतन नहीं मिल रहा। एचआरटीसी में करीब 11 हज़ार कर्मचारी सेवारत हैं।