शिमला, 12 जून। आगामी सेब सीजन को लेकर प्रदेश सरकार तैयारियों में जुट गई है। सेब उत्पादक क्षेत्रों से सेब को सड़क मार्ग से देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचाया जाता है। ऐसे में सेब सीजन के दौरान सड़कों के रखरखाव एवं अन्य कार्यों की समीक्षा के लिए सोमवार को लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया।
समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी करते हुए कहा कि सेब सीजन के लिए अभी लगभग एक माह का समय शेष है और इस अवधि में वे सभी तैयारियां पूर्ण कर लें। सीजन के दौरान सड़कों के रखरखाव में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सेब सीजन शुरू होने से पूर्व जुलाई माह में वे एक बार पुनः इसकी समीक्षा करेंगे।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सेब उत्पादन क्षेत्र में आने वाली सड़कों में ब्लैक स्पॉट, तीखे एवं संकरे मोड़ तथा दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों में समुचित चेतावनी चिन्ह् भी प्रदर्शित किए जाएंगे। इसमें पुलिस विभाग से भी समन्वय स्थापित कर आवश्यक सहयोग लिया जाएगा।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल फल उत्पादक प्रदेश के रूप में विख्यात है और बागवानी विशेषतौर पर सेब उत्पादन से राज्य में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए की आर्थिकी जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि सेब, नाशपाती तथा प्लम इत्यादि की फसल समय पर मण्डियों तथा वहां से आगे बाजार तक पहुंचाई जाए। इसके लिए प्रदेश सरकार और लोक निर्माण विभाग समय रहते सभी तैयारियां पूर्ण करने के लिए कृतसंकल्प है। इसी कड़ी में आज सेब सीजन के दृष्टिगत यह बैठक आयोजित की गई है।
बैठक में सेब सीजन के लिए प्रशासनिक स्तर पर विभिन्न तैयारियों तथा सड़कों के बेहतर रखरखाव के लिए आपसी समन्वय से कार्य करने पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि शिमला जोन में पांच वृत्तों की 14 सड़कों की त्वरित मरम्मत एवं रखरखाव पर लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि व्यय की जाएगी, ताकि आढ़ती, लदानी, किसान एवं बागवानों को आगामी सेब सीजन में अपनी फसल की ढुलाई में किसी भी प्रकार की असुुविधा का सामना न करना पड़े।
लोक निर्माण मंत्री ने पराला, रोहड़ू, भट्टाकुफर, सोलन और परवाणु स्थित एपीएमसी मार्किट यार्ड को जोड़ने वाली सड़कों के उचित रखरखाव के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पराला मार्किट यार्ड की सड़क के लिए एपीएमसी के माध्यम से लगभग 3.48 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। इसके अतिरिक्त डिपोजिट वर्क में भी एपीएमसी से राशि का मामला उठाया गया है ताकि छिटपुट मरम्मत कार्य समय पर पूर्ण किए जा सकें।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बरसात के मौसम में भूस्खलन इत्यादि की स्थिति में सड़क यातायात बहाल रखने के लिए प्रत्येक मण्डल में मशीनों इत्यादि की समुचित व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर की सम्पर्क सड़कों के रखरखाव के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के समन्वय से खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से सहयोग लिया जाएगा।