चम्बा हत्याकांड की एनआईए करे जांच, मामले को दबा रहा सत्तापक्ष : जयराम ठाकुर

शिमला, 15 जून। हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिला में हिंदू  युवक मनोहर की निर्मम हत्या के मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है। सूबे में हुई इस तरह के जघन्य हत्याकांड के मामले में भाजपा ने राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं।

दरअसल बीते दिनों चम्बा के सलूणी में 25 वर्षीय हिन्दू युवक का आठ टुकड़ों में काटा शव एक बोरे से बरामद हुआ था। सलूणी में एक विशेष समुदाय के लोगों पर इस हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप लगा है। हत्याकांड की वजह प्रेम प्रसंग बताई जा रही है।

इस घटनाक्रम के बाद विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इस मामले की एनआईए से जांच की मांग उठाई है। उन्होंने गुरुवार को शिमला में प्रेस वार्ता में कहा कि ये सामान्य घटना नहीं है। इसने हिमाचल को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। कांग्रेस सरकार बनी तो मुख्यमंत्री ने बार -बार बयान दिया की 99 फ़ीसदी हिंदू आबादी वाले राज्य में कांग्रेस जीती है। इस बयान को घटना के साथ जोड़ते हुए उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री इस पर स्थिति स्पष्ट करें।

सलूणी हत्याकांड पर जयराम ठाकुर ने कहा कि शरीफ़ मोहमंद,  मुशफिर मोहमंद व फरीदा के कहने पर पहले मृतक मनोहर को घर बुलाया जाता है। घर में बहस होती है,  डंडे से घायल किया जाता है और बाद में घर के आंगन से बेहोश पड़े मनोहर के आठ टुकड़े कर दिए जाते हैं। उसकी मौत हुई या जिन्दा ही काट दिया। शरीर को काटने के लिए आरा मशीन उपयोग में लाई गई। शरीर के आठ टुकड़े कर नाले में पानी के नीचे दबा दिए जाते हैं। जूता पानी में बहा और दुर्गंध आई तो घटना का पता चला।

जयराम ठाकुर ने आरोपी के तार आतंकियों से जोड़ते हुए पूछा कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ हैं। जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा आय का साधन नही है। आरोपी के पास तीन बीघा जमीन है जबकि कब्जा 100 बीघा पर कर रखा है। अपनी जमीन में किसी को आने नही देता है। दस हज़ार की ऊँचाई पर रहता है। 100 भेड़ बकरियाँ इसके पास है जबकि 200 बेचता है।
इतना ही नही चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आंतकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी उसमें भी आरोपी के तार जुड़े थे। आरोपी की बहन के साथ मनोहर का मिलना जुलना था, क्या इसलिए इसको मौत के घाट उतार दिया गया? उन्होंने मामले की जांच एनआईए से करवाने की मांग उठाई है ताकि सच सामने आ सके क्योंकि कांग्रेस के स्थानीय प्रभावशाली नेता मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।

दूसरी तरफ इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि मामले को राजनीतिक व धार्मिक रंग देने का प्रयास नहीं होना चाहिए। सरकार मामले में निष्पक्ष जांच करवा रही है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हिमाचल शांत राज्य है और यहां सांप्रदायिक झगड़े नहीं होते हैं। दूसरे समुदाय की सुरक्षा करना भी सरकार की जिम्मेदारी है।

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