टूटू रेन शेल्टर विवाद: दस्तावेजों ने साफ की वार्ड सीमा, कार्रवाई के समय पर उठा सवाल

शिमला। नगर निगम शिमला के सदन में बीते सोमवार को टूटू रेन शेल्टर को तोड़े जाने का मामला खूब गरमाया। इस मुद्दे पर दोनों वार्डों के पार्षदों ने खुलकर अपनी बात रखी, लेकिन जब आधिकारिक दस्तावेजों और नक्शों को परखा गया तो स्थिति काफी हद तक स्पष्ट होती दिखाई दी।

तथ्यों के अनुसार जिस स्थान पर रेन शेल्टर तोड़ा गया, वह हिस्सा भाग संख्या-7 यानी मजय्याठ वार्ड की सीमा में आता है। इसकी पुष्टि चुनाव आयोग और नगर निगम शिमला के नक्शों से हुई है। इन नक्शों में न्यू टूटू से लेकर टूटू बस स्टॉप तक का दाहिना हिस्सा मजय्याठ वार्ड की सीमा में दर्शाया गया है।

नगर निगम की मतदाता सूची भी इस दावे को पुख्ता करती है। टूटू से दाहिनी ओर रहने वाले लोग लंबे समय से भाग संख्या-7 (मजय्याठ) के मतदाता दर्ज हैं। सीमा निर्धारण भी चुनाव आयोग और नगर निगम द्वारा ही किया गया था, न कि स्थानीय प्रतिनिधियों द्वारा।

मजय्याठ वार्ड की पार्षद ने सदन में स्पष्ट कहा कि सीमाओं को लेकर कभी कोई विवाद नहीं रहा है। उन्होंने बताया कि रामलीला कला केंद्र के आग्रह पर पहले ही आश्वासन दिया गया था कि इस बार रामलीला शुरू होने से पहले रेन शेल्टर को हटा दिया जाएगा। उन्होंने दोहराया कि नक्शे और दस्तावेज इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह क्षेत्र मजय्याठ वार्ड का हिस्सा है, इसलिए सीमाओं को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।

अंततः दस्तावेजों से यह साफ हो गया है कि रेन शेल्टर मजय्याठ वार्ड की सीमा में ही था। अब विवाद का केंद्र सीमाओं की व्याख्या नहीं, बल्कि पूर्व सहमति और कार्रवाई के समय को लेकर बनता जा रहा है।

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