शिमला : संजौली नगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आज संघ के शताब्दी वर्ष और विजयदशमी के उपलक्ष्य पर पथसंचलन व नगर एकत्रीकरण का आयोजित किया गया। संजौली के भट्टाकुफर में आयोजित इस कार्यक्रम में 126 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति पदक के सम्मानित सेवानिवृत मुख्य अग्निशमन अधिकारी व एम्स बिलासपुर के सलाहकार जगदीश चंद्र बतौर मुख्यअतिथि शामिल हुए। जगदीश चन्द्र ने आपदा में स्वयंसेवकों द्वारा लोगों के पुनर्वास व मदद के लिए तत्पर रहने की सराहना की। साथ ही देश की संस्कृति के संरक्षण में संघ के योगदान को भी सराहा। वहीं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संघ के प्रचारक व प्रांत संगठन मंत्री विद्याभारती ज्ञान सिंह ने कहा कि विजयदशमी पर्व शक्ति की उपासना का पर्व है। उन्होंने बताया कि संघ के संस्थापक व आद्य सरसंघचालक डॉक्टर हेडगेवार बाल्यकाल से ही देशभक्त थे। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया, जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। वहीं वर्ष 1925 में विजयदशमी के दिन डॉक्टर हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। उनके द्वारा संघ स्थापना का उद्देश्य न केवल स्वतंत्रता प्राप्ति था बल्कि स्वतंत्रता को स्थायित्व देने के लिए व्यक्ति निर्माण करना था। जो संघ की स्थापना के 100 वर्ष बाद भी जारी है। ज्ञान सिंह ने स्वयंसेवकों से पंच परिवर्तन के तहत समाजिक समरसता, कुटूम्भ प्रबोधन, पर्यावरण, नागरिक कर्तव्य सहित स्व बोध के लिए कार्य करने का अह्वान किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संजौली के नगर संघचालक सुधीर कौल, नगर कार्यवाह मनोहर सहित कई वरिष्ठ स्वयंसेवक भी कार्यक्रम में शामिल हुए।