समाज के हर वर्ग कानूनों के बारे जागरूक करना लक्ष्य – मदन कुमार,,,विशाल विधिक साक्षरता शिविर का डिग्री कॉलेज रामपुर में आयोजन

 

न्यायाधीश मदन कुमार अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की

शिमला। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, किन्नौर स्थित रामपुर के सहयोग से *विशाल विधिक साक्षरता शिविर* का आयोजन डिग्री कॉलेज रामपुर के सभागार में रविवार को किया गया। इस शिविर में न्यायाधीश मदन कुमार, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ने बतौर मुख्यातिथि तथा न्यायाधीश रणजीत सिंह सदस्य सचिव हिमाचल प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की। मुख्यातिथि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

मुख्यातिथि ने विशाल विधिक साक्षरता शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि विधिक साक्षरता की आवश्यकता समाज के हर वर्ग को जागरूक करने के लिए सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। किसी भी समाज के बेहतर संचालन के लिए कानूनों को लागू किया जाता है। लोगों को एक समान लाने के लिए कानून अग्रणी भूमिका निभाते है। व्यक्ति के जन्म से पूर्व और मृत्यु के बाद भी कानून की आवश्यकता रहती है। अगर हमें कानूनों के बारे में जानकारी नहीं होगी तो शोषण के खिलाफ लड़ नहीं पाएंगे। हम अपने हकों को कानूनी तरीके से हासिल नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस तरह के विधिक साक्षरता शिविर लोगों को जागरूक कर रहे है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से जन-जन को कानूनों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। विधान पालिका कानून बनाने का कार्य करती है। कानूनों में समय-समय पर संशोधन होता है। इसके साथ ही जो कानून निष्क्रिय हो जाते है, उन्हें समाप्त भी किया जाता है।
उन्होंने कहा कि आज नशा समाज में बहुत गहरे पांव पसार चुका है। नशे के मामले में मौके पर जो गवाही देते है, कोर्ट में आकर मुकर जाते है जिससे आरोपी बच जाते है। हमें देखना होगा कि हम भविष्य की पीढ़ी को ‘नशा मुक्त समाज’ देना चाहते है या फिर ‘नशा युक्त समाज’। गवाह आरोपियों को जब बचाने के लिए अपने बयान बदलेंगे तो समाज में गलत संदेश जाएगा। नशे के खिलाफ सख्ती से लड़ना चाहिए।

विकेश कुमार कोचर उप मुख्य कानूनी सहायता रक्षा वकील ने कहा कि विधिक साक्षरता शिविर ऐसे कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य लोगों को उनके कानूनी अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में शिक्षित करना है, खासकर समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को। यह शिविर कानूनी जानकारी, सरकारी योजनाओं और मुफ्त कानूनी सहायता तक पहुंच प्रदान करते हैं, जिससे नागरिक सशक्त होते हैं और न्याय प्रणाली में उनकी भागीदारी बढ़ती है।

न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, किन्नौर ने मुख्यातिथि और अन्य अतिथियों का स्वागत और आभार व्यक्त किया।

*लघु नाटिका, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनी का आयोजन*
शिविर में डिग्री कॉलेज के राजनीतिक विज्ञान विभाग की छात्रों ने नशा मुक्त समाज भारत का संकल्प विषय पर लघु नाटिका प्रस्तुत की। इसके साथ ही खंड विकास कार्यालय रामपुर बुशहर के प्रतिनिधियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। कॉलेज परिसर में शिविर के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।

*यह रहे मौजूद*
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश हरमेश, बलजीत वरिष्ठ सिविल जज कम एसीजेएम ,एस डी एम रामपुर हर्ष अमरेंद्र नेगी, महिला मंडल, पंचायत प्रतिनिधि, छात्र वर्ग सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।

*यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण बेहद जरूरी – नेहा*
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण विषय पर नेहा दहिया अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (बलात्कार और पॉक्सो) किन्नौर ने जानकारी देते हुए कहा कि पॉक्सो (POCSO) एक्ट, जिसे यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 भी कहा जाता है। भारत में एक कानून है जो 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को यौन शोषण और यौन अपराधों से बचाता है। यह अधिनियम यौन उत्पीड़न, यौन शोषण, बाल पोर्नोग्राफी और अन्य यौन अपराधों को कवर करता है, जिसमें बच्चे की सहमति भी मायने नहीं रखती है। इसके तहत बच्चों के लिए न्याय प्रक्रिया में बच्चे के हितों की रक्षा करने के लिए बाल-अनुकूल तंत्र भी शामिल है, और गंभीर अपराधों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ये समझते है यह कानून केबल नाबालिग लड़कियों के लिए ही है जबकि ऐसा नहीं है 18 साल से कम आयु के लड़कों पर भी इस एक्ट के तहत संरक्षण मिलता है।
उन्होंने कहा कि इस एक्ट के तहत पहला कदम पुलिस से संपर्क करना और घटना की रिपोर्ट करना है। आप या तो व्यक्तिगत रूप से पुलिस स्टेशन जा सकते हैं या शिकायत दर्ज (Complaint Register) कराने के लिए पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल भी कर सकते हैं। कानून में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए है। हिमाचल प्रदेश में 6 फास्ट ट्रैक कोर्ट है। उन्होंने कहा कि आज बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी देना जरूरी है। बच्चों से अभिभावकों को पूछना चाहिए कि उन्हें कोई व्यक्ति बैड टच तो नहीं कर रहा या किसी प्रकार का शारीरिक शोषण तो नहीं कर रहा है। पीड़ित परिवार को तुरंत पुलिस में ऐसे मामलों पर शिकायत दर्ज करवानी चाहिए।

*नशे से लड़ें और खेलों से प्रेम करें – आशीष*
नशा मक्त समाज-भारत का संकल्प (Drug free society-Resolution of Bharat) विषय पर एसएचओ आशीष कौशल ने जानकारी देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी के सामने सबसे बड़ी चुनौती नशे से निपटना है। आज गांव गांव तक चिट्टे के गैंग पैर पसार रहे हैं। युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए खेलों से प्रेम करना होगा। पढ़ाई में अधिक से अधिक ध्यान देना होगा। नशे का कारोबार करने वालों के बारे में पुलिस को तुरन्त सूचना दें पुलिस सूचना देने वाली की पहचान को पूर्ण रूप से गुप्त रखती है। शिमला पुलिस ने पिछले ढाई साल में 1100 के करीब एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले दर्ज किए है। हमारी पुलिस ने बड़े से बड़े नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है।

पर्यावरण संरक्षण और भूमंडल संरक्षण (Save Environment-Save planet ) विषय पर तनुजा ठाकुर वकील बार एसोसिएशन रामपुर बुशहर ने जानकारी देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण का मतलब वायु, जल और भूमि जैसे प्राकृतिक पर्यावरण की गुणवत्ता को बनाए रखने और सुधारने के लिए किए गए प्रयासों से है। भूमंडल संरक्षण (जिसे पृथ्वी संरक्षण भी कह सकते हैं) का मतलब इस संरक्षण को एक व्यापक अर्थ में लेना है, जिसमें पूरे ग्रह पृथ्वी और उसके संसाधनों, जैसे कि वन, वन्य जीव और जैव विविधता का संरक्षण शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *