प्रदेश के भाजपा नेता आपस में बंट गए हैं और उनकी आपसी लड़ाई खुले तौर पर सबके सामने आ गई है: नरेश चौहान

शिमला। मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने आज यहां पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश के भाजपा नेता आपस में बंट गए हैं और उनकी आपसी लड़ाई खुले तौर पर सबके सामने आ गई है। भाजपा नेता अलग-अलग स्थानों का दौरा कर रहे हैं और उनके समर्थक अपने-अपने नेता को आगे बढ़ाने की कोशिशिों में जुटे हैं।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांगड़ा का दौरा किया और मीडिया के जरिए लोगों को पता लगा कि कैसे वो कुछ विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं। दूसरी तरफ अनुराग ठाकुर भी दौरा कर रहे हैं और प्रदेश में जिस प्रकार से दोनों तरफ से अपने लीडर को आगे बढ़ाने की बात नारेबाजी के साथ चल रही है, उससे साफ जाहिर है कि भाजपा बंटी हुई है और लीडरशिप की लड़ाई चल रही है। कांग्रेस पार्टी को पहले से ही इसका आभास और एहसास था लेकिन अब तो यह बात सार्वजनिक हो चुकी है कि किस प्रकार आमने-सामने नारेबाजी कर पूरे प्रदेश के दौरे कर भाजपाई अपना-अपना ग्रुप बना के आगे चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इससे कोई सरोकार नहीं है लेकिन दुखद् बात यह है कि विपक्ष को जिम्मेवारी के साथ अपनी भूमिका निभानी चाहिए। यह विपक्ष का दायित्व बनता है कि वह प्रदेश हित में बात करंे।
नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने तीन साल में जनहित में जो फैसले लिए हैं, विपक्ष को उसके ऊपर आप बात करनी चाहिए। उनको बताना चाहिए कि कौन से फैसले ठीक नहीं लग रहे हैं जो प्रदेश के हित में नहीं है। उसके बारे में वह चिट्ठी लिख सकते हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक प्रदेश में आर्थिक संकट की बात है, उसके ऊपर विपक्ष को जिम्मेवारी के साथ बात करनी चाहिए। उन्हें संवाद करना चाहिए कि इस संकट को मिलकर कैसे दूर किया जा सकता है क्योंकि यह संकट प्रदेश की जनता पर है। आपदा के दौरान बहुत नुकसान हुआ है और अगर हमको भारत सरकार से कोई मदद मिलती है तो प्रदेश की जनता के काम आएगी।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बार-बार कहते हैं कि मदद के लिए राज्य सरकार केंद्र का धन्यवाद नहीं करती है। यह अफसोस की बात है कि जो व्यक्ति खुद मुख्यमंत्री रहे हों, वह सब जानते हैं कि ये सारी चीजें एक नियम के तहत आती हैं कि किसी भी राज्य के लिए जो मदद विश्व बैंक, एशियाई डेवलपमेंट बैंक से आती है उसकी एक निर्धारित प्रक्रिया है। भारत सरकार उसकी गारंटी देती है, हम योजनाएं बनाते हैं और मंजूर करते हैं। विपक्ष बताए कि प्रदेश सरकार ने कौन सा नियम बदला और प्रदेश को कौन सा विशेष पैकेज मिला, विशेष सहायता प्रदान की गई। हिमाचल प्रदेश को जो कुछ मिल रहा है वो तय नियमों के अनुसार हो रहा है। इसलिए जो व्यक्ति खुद मुख्यमंत्री रहा हो, वह प्रदेश के लोगांे को गलत बयानबाजी कर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। होना यह चाहिए कि पक्ष और विपक्ष मिलकर प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों की लड़ाई लडे़।
नरेश चौहान ने कहा कि आपदा से हुए भारी नुकसान के एवज में हमने जो मदद मांगी वह नहीं मिली है बावजूद इसके कि प्रधानमंत्री हिमाचल दौरे पर आए थे। आपदा का आकलन उनको करना था। भाजपा नेताओं को इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि जो 1500 करोड़ रुपये प्रदेश को मिलने थे उसमें विलंब क्यों हुआ है।

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