राज भवन के सामने प्रदर्शन और प्रधानमंत्री का पुतला जलवाने वालों पर हो सख्त कार्रवाई: जयराम ठाकुर

शिमला: शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार के संरक्षण में कांग्रेस के नेताओं द्वारा राज भवन का घेराव करवाने और प्रधानमंत्री का पुतला जलवाने की घटना को शर्मनाक बताया है। बिहार के चुनाव मैं भाजपा को प्रचंड बहुमत और कांग्रेस विधानमंडल को एक बोलेरो में फिट कर देने के जनादेश से कांग्रेस बहुत कुंठित है। राजभवन में सरकार के इशारे और सत्ता के संरक्षण में जो कुछ हुआ वह इस कुंठा का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इतनी सुरक्षित जगह पर बिना अनुमति कैसे प्रदर्शन किया गया? राज भवन जैसी संवेदनशील जगहों पर कांग्रेस द्वारा आगजनी करने का प्रयास करना, प्रधानमंत्री का पुतला फूकना कैसा व्यवस्था परिवर्तन है? क्या हिमाचल प्रदेश की पुलिस और प्रशासन इतना असहाय हो गया है कि वह अराजक लोगों  से राज भवन की सुरक्षा नहीं कर सकता। क्या सरकार और मुख्यमंत्री इस प्रकार की अराजकता राज भवन के सामने करके राज्यपाल को डराने की कोशिश कर रहे हैं? पूरे देश में संविधान की किताब लेकर फिरने वाले नेताओं की सरकार में संविधान की इस तरीके से धज्जियां उड़ाई जाएंगी? क्या मुख्यमंत्री बीते दिनों में हुए घटनाक्रम से नाराज होकर सरकार के संरक्षण में कांग्रेसियों द्वारा राज भवन का घेराव करके वहां आगजनी करवा के राज भवन को कोई संदेश देना चाहते हैं। मुख्यमंत्री को मैं यह बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सरकार मर्यादा में रहे। इस तरीके से गुंडा तंत्र को बढ़ावा देकर वह प्रदेश का बहुत नुकसान कर रहे हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश का कोई कोना सुरक्षित नहीं है यह बात पिछले एक हफ्ते की घटनाक्रम से हमने देख लिया। प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। लेकिन क्या मुख्यमंत्री कार्यालय और आवास से चंद्र कदमों की दूरी पर स्थित बेहद संवेदनशील कहा जाने वाला राजभवन भी अब सुरक्षित नहीं रहेगा? राज भवन के सामने प्रोटेस्ट करने की अनुमति दी किसने? राज भवन के सामने पहुंचने पर उन्हें रोकने की जिम्मेदारी किसकी थी? राज भवन के सामने प्रोटेस्ट होने पर प्रोटेस्टर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी किसकी थी? इतने लोग आखिर वहां आए कैसे? प्रदेश की सीआईडी क्या कर रही थी? स्थानीय प्रशासन को यह बात कैसे नहीं पता चली? क्या प्रदेश की सीआईडी विपक्ष के नेताओं की जासूसी करवाने और समोसा खोजवाने में ही व्यस्त है? मुख्यमंत्री के संरक्षण में लोग राजभवन तक आग लगाने की सामग्री के साथ पहुंचे? न उन्हें रोकने के लिए कोई कार्रवाई की गई। न ही जिन लोगों की जिम्मेदारी थी उनकी नाकामी पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। आखिर नियम कानून की धज्जियां क्यों उड़ाई  जारही है? इस प्रदर्शन को रोकने में नाकाम रहने और संरक्षण देने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर मुख्यमंत्री ने अब तक क्या कार्रवाई की यह पूरा प्रदेश जानना चाहता है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *