शिमला, 15 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन के मुद्दे पर सुक्खू सरकार के मंत्री एकमत नहीं हैं। दो मंत्रियों के इस सम्बंध में विरोधाभासी बयान सामने आए हैं। सुक्खू सरकार में लोकनिर्माण विभाग का जिम्मा सम्भाल रहे पूर्व सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह के अवैध खनन वाले बयान का उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने न केवल खंडन किया है, बल्कि उन्होंने लोकनिर्माण मंत्री के बयान को बचकाना करार दे डाला है।
दरअसल विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है कि कुल्लू में आए बाढ़ और उससे हुए नुकसान का एक बहुत बड़ा कारण इलीगल माइनिंग है, जिस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और इस विषय में मुख्यमंत्री से बात की जाएगी।
विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया के अलावा बीते दिनों आपदा प्रभावित जिला कुल्लू का दौरा करने के बाद भी बयान दिया था कि प्रदेश में हुई तबाही के लिए सिर्फ प्राकृतिक आपदा को जिम्मेवार कहना ठीक नहीं है। उन्होंने कुल्लू में भारी मात्रा में अवैध खनन की बात कही और उसके खिलाफ एक्शन लेने की भी बात कही थी।
इस बीच उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विक्रमादित्य सिंह के इस बयान की आलोचना करते हुए शुक्रवार को शिमला में कहा कि प्रदेश में नुकसान प्राकृतिक आपदा के कारण हुआ है और इसके लिए खनन को दोषी ठहराना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि खनन की छुटपुट घटनाएं है लेकिन इतने बड़े स्तर पर अवैध खनन नहीं है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि वे विक्रमादित्य सिंह के इस बयान से सहमत नहीं है। हर्षवर्धन चौहान ने विक्रमादित्य सिंह के इस बयान को बचकाना बयान करार दिया है। उन्होंने विक्रमादित्य से जानना चाहा है कि प्रदेश के हर क्षेत्र में भारी बारिश ने नुकसान किया है, तो क्या वहां पर कहां अवैध खनन किया जा रहा था ?
उधर हिमाचल को पानी रोकने की सलाह देने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बयान पर पलटवार करते हुए हर्षवर्धन चौहान ने इसे गैर जिम्मेदाराना और बचकाना बयान करार दिया है।
बता दें कि भारी बरसात के बाद पंजाब में भी बाढ़ के हालात हैं ऐसे में भगवंत मान ने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि पानी पर सैस लगाने और 7 फ़ीसदी रॉयल्टी मांगने वाला हिमाचल अपना पानी रोक कर बताए। इस पर पलटवार करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि पानी तो नीचे की ओर ही बहेगा ऐसे संकट के समय में जब भारी बरसात से बड़ा नुकसान हुआ है ऐसी मुश्किल समय में मुख्यमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह बयान गैर जिम्मेदाराना है।