शिमला, 23 जुलाई। राजधानी शिमला के ऐतिहासिक मॉल रोड के पास रेस्टोरेंट में चार दिन पहले हुए धमाके मामले की राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने जांच शुरू कर दी है। इस एंगल से जांच की जा रही है कि कहीं इसके पीछे आतंकी हमले की साजिश तो नहीं है। हरियाणा के मानेसर से एनएसजी की 12 सदस्यीय टीम रविवार को जांच के लिए शिमला पहुंची। एनएसजी को विस्फोटक और विकिरणीय दुर्घटनाओं की जांच में माहिर माना जाता है। सुबह 10 बजे के करीब एनएसजी के विशेषज्ञों ने घटना स्थल पर मोर्चा संभाला। एनएसजी की टीम शाम 6:12 बजे घटना स्थल से रवाना हुई। लगभग आठ घण्टे तक चली जांच के दौरान एनएसजी की टीम ने धमाका स्थल के चप्पे-चप्पे की गहनता से छानबीन की। इस जगह को पूरी तरह से सील करके जांच की गई।
एनएसजी की 12 सदस्यीय टीम में एसपी और एसपी शामिल
एनएसजी की टीम में एसपी, एएसपी और इंस्पेक्टर रेंक के अधिकारी शामिल सहित लगभग एक दर्जन सदस्य शामिल रहे। एनएसजी ने घटनास्थल पर जले हुए सामान और वहां मौजूद उपकरणों के सैम्पल लिए। एक-एक चीज का बड़ी बारीकी से निरीक्षण किया गया। एनएसजी ने घटनास्थल की वीडियोग्राफी भी की। साथ ही घटनास्थल के आसपास के कारोबारियों से इस सिलसिले में पूछताछ की।
एनएसजी ने साक्ष्यों के सैंपल लिए और हर चीज का बारीकी से निरीक्षण किया। धमाके में विस्फोटक पदार्थों के इस्तेमाल की प्रमुखता से जांच की जा रही है।
शिमला के एएसपी सुनील नेगी समेत पुलिस के अन्य अफसर भी मौजूद रहे। धमाके की जांच में एनएसजी की एंट्री से आतंकी मॉड्यूल के होने की संभावना बढ़ गई है। लेकिन एनएसजी की टीम ने मीडिया से बातचीत करने से मना कर दिया है।
शिमला पुलिस की थ्योरी में धमाके की वजह गैस रिसाव
हालांकि शिमला पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इस धमाके को गैस रिसाव की वजह करार दी है। पुलिस इस घटना में विस्फोटक सामग्री के इस्तेमाल से इंकार कर चुकी है।
साथ ही इसकी जांच के लिए एसआईटी भी गठित की गई है। शिमला पुलिस ने इस घटना को लेकर सदर थाने में आईपीसी की धारा 336, 337, 304ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिमला पुलिस की थ्योरी के मुताबिक हिमाचली रसोई नाम के रेस्तरां के छोटे किचन में गैस रिसाव हुआ, वहां ऑटो कट डीप फ्रिजर में चिंगारी होने से गैस ने आग पकड़ी और फिर जोर का धमाका हुआ।
धमाके में एक कारोबारी की गई जान, 13 जख्मी
बता दें कि बीते 18 जुलाई की शाम सवा सात बजे हिमाचल रसोई नामक रेस्टोरेंट में भीषण धमाका हुआ था। घटना वाले दिन रेस्टोरेंट बंद था। धमाके के बाद रेस्टोरेंट की दीवार ढह कर वहां से गुजर रहे 62 वर्षीय एक कारोबारी पर गिरी और उसकी मौके पर मौत हो गई। इस घटना में 13 लोग जख्मी हुए। धमाके के कारण मॉल रोड और मिडल बाजार की करीब 25 दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं। इस घटना के बाद शिमला के कारोबारी, आम जनता और यहां घूमने आने वाले पर्यटक ख़ौफ़ में हैं।
विपक्षी दल भाजपा ने किया एनएसजी जांच का स्वागत
इस बीच विपक्षी दल भाजपा ने एनएसजी द्वारा धमाके मामले की जांच करने का स्वागत किया है। प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि धमाके स्थल पर जांच एजेंसी एनएससी पहुंच चुकी है जिसका लंबे समय से शिमला की जनता को इंतजार था।
उन्होंने कहा कि भाजपा पहले दिन से ही इस धमाके को लेकर एक कठोर जांच की मांग कर रहे हैं, इस धमाके से पूरे शिमला की धरती भूकंप की तरह हिल गई थी
उन्होंने आशा जताई है कि एनएसजी जिस प्रकार से अपना कार्य करेगी इस धमाके को लेकर असलियत जनता के समक्ष आएगी। कर्ण नंदा ने कहा कि चाहे यह एलपीजी गैस लीक हो या किसी और प्रकार का हमला जनता के बीच में सच आना चाहिए। जिससे आने वाले समय में शिमला की जनता और सतर्क रह सके।