शिमला, 05 अगस्त। राजधानी शिमला के बालूगंज थाना क्षेत्र के तहत डाक विभाग में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने का मामला सामने आया है। ग्रामीण डाक सेवक पद पर चयनित अभ्यर्थियों में से तीन के प्रमाण पत्र जांच में फर्जी पाए गए हैं। डाक अधीक्षक की शिकायत पर बालूगंज पुलिस ने विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत तीन अलग-अलग केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
निरीक्षक डाकघर शिमला द्वारा दी गई शिकायत के मुताबिक भारतीय डाक विभाग में वर्ष 2022-23 में ग्रामीण डाक सेवक की भर्ती निकली थी। इसकी अधिसूचना 25 अप्रैल 2022 को जारी हुई थी।
हाईस्कूल में प्राप्तांक के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार कर अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। चयनित अभ्यर्थी इसके बाद विभाग ने आवेदन और शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की। इसमें खुलासा हुआ कि उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ निवासी अंकित कुमार, हरियाणा के जींद निवासी साहिल और पानीपत निवासी राहुल के 10वीं के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। तीन आवेदकों ने जिस शिक्षा बोर्ड के 10वीं के प्रमाणपत्र लगाए हैं। डाक विभाग ने उन शिक्षा बोर्डों से प्रमाणपत्रों की सत्यता करवाई। लेकिन इन शिक्षा बोर्ड ने लिखकर दिया है कि संबंधित का विवरण बोर्ड के अभिलेख में दर्ज नहीं है। इसके बाद डाक विभाग के अधीक्षक ने तीन अभ्यर्थियों के खिलाफ थाना बालूगंज में शिकायत की।
एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने शनिवार को बताया कि तीन अभ्यर्थियों ने फ़र्ज़ी दस्तावेजों से डाकसेवक की नौकरी हासिल की थी। इनके विरुद्ध अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 465 और 468 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।