शिमला, 13 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में मानसून जमकर बरस रहा है। राज्य भर में व्यापक बारिश का दौर जारी है। इससे विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन होने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार सुबह तक राज्य भर में भूस्खलन से दो नेशनल हाईवे और 452 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 1814 बिजली ट्रांसफार्मर और 59 जलापूर्ति योजनाएं भी ठप हैं। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इस जिला में 236 सड़कें और 1335 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। शिमला में 59, बिलासपुर में 40, कुल्लू में 39, हमीरपुर में 28 और सोलन में 21 सड़कें अवरुद्ध हैं। हमीरपुर में 445 ट्रांसफार्मर खराब होने से कई गांवों में बिजली गुल है। भूस्खलन से मंडी जिला में मंडी-कुल्लू नेशनल हाइवे-21 और सोलन जिला में कालका-शिमला नेशनल हाइवे पर वाहनों की आवाजाही ठप है।
शिमला शहर में जगह-जगह गिरे पेड़, भूस्खलन से बढ़ी परेशानी, तीन गाड़ियां दबीं
शिमला जिला में रात भर हुई भारी वर्षा से जगह-जगह भूस्खलन और पेड़ों के धराशायी होने की घटनाएं सामने आने से लोग परेशान हुए। शिमला के दुधली में रविवार सुबह सड़क किनारे पार्क तीन गाड़ियां भूस्खलन की चपेट में आ गई। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिस के मुताबिक भूस्खलन से तीन गाड़ियां दब गई है। इन्हें जेसीबी व क्रेन की मदद से निकाला जा रहा है। इसके अलावा मण्डी से शिमला सवारियाँ लेकर आई एक निजी बस पेड़ की चपेट में आ गई। टुटीकंडी के पास एक विशालकाय पेड बस पर गिरा जिससे बस को नुक्सान हुआ है तथा परिचालक को चोट लगी। परिचालक को अस्पताल में दाखिल किया गया है।
इधर, रविवार सुबह करीब साढ़े छह बजे शिमला-बिलासपुर सड़क मार्ग पर वर्षा शालिका से आगे हीरानगर के बीच एक देवदार का पेड़ गिरने से नेशनल हाइवे लगभग अढ़ाई घण्टे अवरुद्ध हुआ। इसके चलते शिमला का सम्पर्क निचले हिमाचल से कट गया था। हालांकि प्रशासन ने तुरंत सड़क से पेड़ को हटाने का काम शुरू किया और नौ बजे हाइवे को बहाल कर दिया।
इसी तरह हिमलैंड् के पास सुबह-सुबह भूस्खलन हुआ है। जिससे छोटा शिमला और बीसीएस, कसुम्पटी की ओर जाने वाली सड़कें बन्द हो गई है। कैंथू लाईन शिमला की ओर जाने वाली सड़क पर एआरओ ओफिस के साथ सीपीडब्ल्यूडी की बिल्डिंग के आंगन से ढंगा धंसने के कारण सड़क मार्ग बंद हो गई है। इस जगह देवदार के दो पेड़ गिरने के कगार पर हैं।
तीन दिन भारी वर्षा का येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले तीन दिन राज्य में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मैदानी एवं मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने अगले 24 घण्टों में लाहौल स्पीति और ऊना जिलों को छोड़कर शेष सभी 10 जिलों में बाढ़ आने की आशंका भी जताई है। 17 अगस्त तक राज्य भर में मौसम खराब रहेगा। हिमाचल पुलिस ने खराब मौसम के मद्देनजर एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों व सैलानियों से ऐहतियात बरतने की अपील की है। पर्यटकों को नदी-नालों के किनारों पर न जाने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
सुंदरनगर और मंडी में सबसे ज्यादा वर्षा
रविवार सुबह 8ः30 बजे तक सुंदरनगर में सबसे ज्यादा 166 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। इसके अलावा मंडी में 115, बरठी में 83, पालमपुर में 67, बिलासपुर में 60, जुब्बड़हट्टी में 50 और शिमला में 45 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है।
मानसून सीजन में भूस्खलन की 87 और बाढ़ की 54 घटनाएं
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी और अब तक मानसून सीजन में भूस्खलन की 87 और बाढ़ की 54 घटनाएं सामने आई हैं। इस अवधि में वर्षा से जुड़े हादसों में 255 लोगों की जान गई है और 33 लापता हैं। भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से 66 लोग मारे गए हैं। मानसून सीजन में 935 मकान, 269 दुकानें और 2635 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हूईं। जबकि 7758 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 6807 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इसमें सबसे ज्यादा 2200 करोड़ का नुकसान लोकनिर्माण विभाग को हुआ है।