शिमला, 15 अगस्त। हिमाचल प्रदेश राजभवन के ऐतिहासिक हेरिटेज भवन को अब आम जनता भी निहार सकेगी। हफ्ते के आखिरी दो दिन लोग राजभवन में प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि स्कूली बच्चों को छोड़कर अन्य लोगों को राजभवन में प्रवेश के लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश राजभवन को औपचारिक रूप से आम जनता को समर्पित किया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं। हिमाचल प्रदेश राजभवन आम जनता के लिए प्रत्येक शनिवार और रविवार को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा।
राज्यपाल ने कहा कि बार्नस कोर्ट, जो अब राजभवन है, 1832 में निर्मित ब्रिटिश समय का एक विरासत भवन है। इसके निर्माण में भारतीय कुशल कारीगरों का महत्वपूर्ण योगदान है। इस इमारत का विशेष महत्व है क्योंकि यह कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। उन्होंने कहा कि यह भवन महज राजकीय महत्व के कार्यक्रमों के लिए सीमित नहीं होना चाहिए, इसी सोच के साथ अमृत काल में उन्होंने इसे आम जनता के लिए खोला है ताकि वे भी इस ऐतिहासिक भवन का अवलोकन कर सकें और इसके इतिहास के बारे में जानकारी ले सकें
राजभवन के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के स्कूली छात्रों और दस वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिए राजभवन में प्रवेश निःशुल्क होगा, जिसके लिए उन्हें प्रवेश के समय अपना वैध पहचान-पत्र दिखाना होगा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्रों, राज्य और बाहरी राज्यों के आगंतुकों को राजभवन में प्रवेश के लिए 30 रुपये शुल्क अदा करना होगा। विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 60 रुपये होगा। दिव्यांग व्यक्यिों और राष्ट्रीय एवं राज्य पुरस्कार विजेताओं के लिए प्रवेश निःशुल्क होगा। प्रवेश शुल्क के तहत 6 छायाचित्र की सॉफ्ट कॉपी एवं राजभवन ब्रोशर निःशुल्क उपलब्ध करवाये जायेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि राजभवन में प्रवेश से पहले आगंतुकों को बार्नस कोर्ट के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व का वर्णन करने वाली एक लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी। एक समय में किसी भी समूह से 15 व्यक्ति राजभवन में प्रवेश कर सकेंगे तथा स्कूली विद्यार्थियों के समूह में 30 विद्यार्थी शामिल होंगे।